Product Linked Incentive Scheme
संदर्भ:
“संयुक्त राज्य अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत की विशेष स्टील के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना पर सवाल उठाए हैं।”
उत्पाद संबद्ध प्रोत्साहन योजना (PLI): एक परिचय
- उद्देश्य:
- घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करना: प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन और बिक्री में वृद्धि के साथ वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना।
- योजना की शुरुआत–
- लॉन्च: मार्च 2020
- प्रारंभिक लक्ष्य क्षेत्र:
- मोबाइल और संबद्ध घटक विनिर्माण
- विद्युत घटक विनिर्माण
- चिकित्सा उपकरण
- विस्तार: बाद में इसे 14 क्षेत्रों में विस्तारित किया गया।
- प्रमुख विशेषताएँ–
- WTO मानकों का पालन:
- PLI योजना को विश्व व्यापार संगठन (WTO) मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है।
- निषेध:
- निर्यात दायित्व नहीं।
- निर्यात प्रदर्शन से सब्सिडी को नहीं जोड़ा गया।
- प्रोत्साहन का आधार: भारत में निवेश और बिक्री वृद्धि।
विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना:
- योजना का परिचय:
- भारत सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना की पहली किश्त 2021 में इस्पात मंत्रालय द्वारा अधिसूचित की।
- बजट: ₹6322 करोड़।
- योजना के उद्देश्य:
- मूल्य वर्धित इस्पात निर्माण को बढ़ावा:देश में उच्च गुणवत्ता वाले इस्पात ग्रेड के निर्माण को प्रोत्साहित करना।
- आयात पर निर्भरता में कमी: विशेष इस्पात ग्रेड के आयात को कम करना।
- उद्योग के तकनीकी विकास को बढ़ावा: प्रौद्योगिकी में सुधार और मूल्य श्रृंखला में उन्नति सुनिश्चित करना।
अमेरिका की चिंताएँ –:
वैश्विक उत्पादन क्षमता से अधिक होने के बावजूद सब्सिडी
- वैश्विक स्तर पर पहले से ही स्टील उत्पादन में अति क्षमता है।
- ऐसे में उत्पादन बढ़ाने हेतु भारत द्वारा सब्सिडी देना बाजार को विकृत कर सकता है और अति-आपूर्ति की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
सब्सिडी की उपयुक्तता पर सवाल::
- जब पहले से ही स्टील सेक्टर में आपूर्ति अत्यधिक है, तब इस क्षेत्र को सब्सिडी देना उचित नहीं माना जा सकता।
- इससे वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा होने की आशंका है।
भारत की प्रतिक्रिया – PLI योजना (विशेष स्टील) पर अमेरिका की चिंताओं को लेकर:
आयात निर्भरता को कम करना:
- PLI योजना का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता और विशेष स्टील के आयात पर निर्भरता घटाना है।
- भारत, विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक होते हुए भी नेट आयातक बना हुआ है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम:
- यह योजना महत्वपूर्ण ग्रेड की स्टील में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए रणनीतिक पहल है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक संकटों के दौरान आर्थिक लचीलापन के लिए स्टील आवश्यक है।
वैश्विक मानकों की तुलना में सीमित सहायता:
- भारत का ₹6,322 करोड़ (PLI 1.0 के तहत) का समर्थन चीन जैसे देशों की तुलना में काफी कम है।
- चीन लगभग $50 बिलियन तक की सब्सिडी देता है।
तकनीकी उन्नयन को प्रोत्साहन: योजना का उद्देश्य भारतीय स्टील उद्योग को मूल्यवर्धित और उन्नत स्टील उत्पादन की ओर बढ़ाना है।
WTO अनुरूपता:
- योजना में कोई निर्यात बाध्यता नहीं है।
- सब्सिडी का निर्यात प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है (WTO के अनुसार दोनों प्रतिबंधित हैं)।
- यह घरेलू निवेश और बिक्री वृद्धि को बढ़ावा देती है।