हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्टों (InvITs) में निवेश को आसान बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सेबी ने इनविट्स में निजी तौर पर रखे गए निवेशों के लिए जरूरी खरीददारी की राशि को घटाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) क्या हैं?
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) भारत में एक प्रकार का सामूहिक निवेश योजना (CIP) है जो बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करती है। InvITs को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है।
InvITs कैसे काम करते हैं:
- InvITs निवेशकों से धन जुटाते हैं और इसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करते हैं।
- ये परियोजनाएं सड़कें, हवाई अड्डे, बंदरगाह, बिजली संयंत्र, और दूरसंचार टावर जैसी चीजें हो सकती हैं।
- InvITs निवेशकों को नियमित आय का भुगतान करते हैं, जो परियोजनाओं से प्राप्त आय का एक हिस्सा होता है।
यह कदम इनविट्स में ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को शामिल करने और इस क्षेत्र में कारोबार को बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। अभी तक, निजी तौर पर रखे गए इनविट्स में secondary market में कारोबार के लिए न्यूनतम खरीद राशि 1 करोड़ रुपये या 2 करोड़ रुपये (अगर InvITs कम से कम 80% संपत्ति पूर्ण और आय वाली परियोजनाओं में लगाता है) थी।
सेबी के इस प्रस्ताव से InvITs में निवेश करना आसान हो जाएगा क्योंकि अब छोटे निवेशक भी इसमें शामिल हो सकेंगे। इससे निवेशकों को अपने निवेश को अलग-अलग क्षेत्रों में बांटने में भी मदद मिलेगी और जोखिम कम करने में भी फायदा होगा।
उद्देश्य:
- निजी InvIT इकाइयों में निवेश को बढ़ावा देना
- निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाना
- निवेशकों को बेहतर जोखिम प्रबंधन में मदद करना
प्रस्तावित बदलाव:
- अधिक निवेशकों को शामिल करना:
- आसान निवेश प्रक्रिया
- कम नियामक बोझ
वितरण प्रक्रिया में सुधार:
- REIT और InvITs द्वारा यूनिटधारकों को वितरण करने की समय सीमा को 5 कार्यदिवस तक कम करना
- रिकॉर्ड तिथि तय करने में प्रबंधकों को अधिक लचीलापन
- स्टॉक एक्सचेंज को रिकॉर्ड तिथि के बारे में 2 कार्यदिवस पहले सूचित करना
यूनिटधारक भागीदारी बढ़ाना:
- 21 दिन से कम के नोटिस के साथ यूनिटधारक बैठकें आयोजित करने की अनुमति
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या अन्य दृश्य-श्रव्य माध्यमों से बैठक में शामिल होने का विकल्प
- रिमोट ई-वोटिंग का विकल्प
अन्य बदलाव:
- निवेशक शिकायतों के विवरण की तिमाही समीक्षा
- विचलन और परिवर्तन के विवरण जमा करने की समयसीमा में बदलाव
लाभ:
- निवेशकों के लिए आसान पहुंच
- बेहतर तरलता
- कम जोखिम
- अधिक पारदर्शिता
- बेहतर निर्णय लेने में यूनिटधारकों की भागीदारी
Note – सेबी ने 30 मई तक जनता से राय मांगी है, उसके बाद प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा और लागू किया जाएगा।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में पूंजी बाजार का नियामक है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1992 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के तहत की गई थी। सेबी का मुख्यालय मुंबई में है और इसके क्षेत्रीय कार्यालय पूरे भारत में स्थित हैं। सेबी के मुख्य कार्य हैं:
सेबी की कुछ महत्वपूर्ण शक्तियां:
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