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13 सितंबर से कश्मीर को दिल्ली से जोड़ने के लिए दैनिक पार्सल ट्रेन (Daily Parcel Train to Connect Kashmir with Delhi from Sept 13) | Apni Pathshala

Daily Parcel Train to Connect Kashmir with Delhi from Sept 13

Daily Parcel Train to Connect Kashmir with Delhi from Sept 13

संदर्भ:

सेब उत्पादकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कश्मीर घाटी के लिए एक अहम कदम उठाया है। रेल मंत्री ने घोषणा की कि 13 सितंबर 2025 से बडगाम (कश्मीर) से दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन तक रोज़ाना समयसारिणी वाली पार्सल ट्रेन चलाई जाएगी। इस सुविधा से घाटी के सेब उत्पादकों को अपनी उपज बड़े बाज़ारों तक पहुँचाने में आसानी होगी।

क्या होगा फायदा:

  • यह नई पार्सल ट्रेन सेवा कश्मीर की लॉजिस्टिक्स व्यवस्था में बदलाव का संकेत है। अब बागवानों को अपनी उपज दिल्ली तक पहुँचाने के लिए संवेदनशील सड़क मार्गों पर अधिक निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे न केवल बागवानी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि घाटी की अर्थव्यवस्था में भी नया उत्साह आएगा।
  • पहले कई बार भूस्खलन और भारी बारिश के कारण जब जम्मू–श्रीनगर हाईवे बंद हो जाता था, तो सेब से लदे ट्रक फँस जाते थे और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था। इस नई सेवा से ऐसे नुकसान में अब काफी कमी आने की उम्मीद है।

भारत में सेब उत्पादन के प्रमुख राज्य:

  1. जम्मूकश्मीर (सबसे बड़ा उत्पादक राज्य): भारत में सेब उत्पादन का सबसे बड़ा हिस्सा जम्मू-कश्मीर से आता है। यहाँ हर साल लगभग42 टन सेब का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 70.54% है। इसका बाजार मूल्य ₹10,000 से ₹12,000 करोड़ तक आँका जाता है। सेब उद्योग इस क्षेत्र में लाखों लोगों की आजीविका का आधार है।
  2. हिमाचल प्रदेश (दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक): हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। यहाँ हर साल लगभग 85 टन सेब पैदा होता है, जो कुल उत्पादन का 26.42% है।
  3. उत्तराखंड (तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक): उत्तराखंड तीसरे स्थान पर आता है। यहाँ हर साल लगभग 88 टन सेब का उत्पादन होता है, जो कुल उत्पादन का 2.66% है।
  4. अरुणाचल प्रदेश (चौथा स्थान): अरुणाचल प्रदेश में हर साल लगभग 34 टन सेब का उत्पादन होता है।
  5. नागालैंड (पाँचवाँ स्थान): नागालैंड पाँचवें नंबर पर है, जहाँ करीब 80 टन सेब का उत्पादन होता है।

तुर्की से भारत में सेब आयात:

भारत हर साल बड़ी मात्रा में तुर्की से सेब आयात करता है। बीते पाँच वर्षों में तुर्की से लगभग पाँच लाख मीट्रिक टन सेब भारत आया है, जिनमें से साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन से अधिक सिर्फ पिछले तीन वर्षों में ही आयात हुआ। औसतन यह सेब भारत में 64 से 70 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुँचता है और इस व्यापार से तुर्की ने हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया है। भारत में कुल आयातित सेब का सबसे बड़ा हिस्सा, करीब 23 प्रतिशत, तुर्की से आता है।

भारत में सेब आयात का हिस्सा (DGCIS के अनुसार):

  • तुर्की: 23% (सबसे ज्यादा)
  • ईरान: 21%
  • अफगानिस्तान: 10%
  • इटली: 8%
  • पोलैंड: 7%
  • अन्य देश: 31%

भारत चिली, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बेल्जियम, फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन, नीदरलैंड, अर्जेंटीना, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड जैसे देशों से भी सेब आयात करता है, लेकिन तुर्की सबसे बड़ा निर्यातक है।

निष्कर्ष: केंद्र सरकार द्वारा बडगाम (जम्मू-कश्मीर) से दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन तक विशेष पार्सल ट्रेन चलाने का फैसला कश्मीर के बागवानों और व्यापारियों के लिए बड़ी राहत है। इससे उनकी उपज सीधे और सुरक्षित तरीके से दिल्ली की थोक मंडियों तक समय पर पहुँचेगी। सड़क मार्ग पर भूस्खलन और बारिश जैसी समस्याओं के कारण होने वाले नुकसान से अब काफी हद तक बचाव होगा। यह कदम न केवल बागवानी क्षेत्र को मजबूती देगा, बल्कि घाटी की अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान करेगा।

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