Daruma Doll
संदर्भ:
जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दारुमा-जी मंदिर के मुख्य पुजारी ने दारुमा गुड़िया भेंट की।
दारूमा डॉल (Daruma Doll)
- परिचय और महत्व:
- दारूमा जापान की पपीयर-माचे गुड़िया है, जो ज़ेन बौद्ध धर्म के संस्थापक बोधिधर्म से प्रेरित है।
- यह धैर्य, लचीलापन और शुभकामनाओं का प्रतीक है।
- लक्ष्य निर्धारण समारोह में एक आंख तब रंगी जाती है जब लक्ष्य तय किया जाता है; दूसरी आंख तब भरी जाती है जब लक्ष्य पूरा होता है—यह प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
- विशेष रूप और संदेश:
- गोल आधार के कारण यह गुड़िया हमेशा अपने आप खड़ी हो जाती है, जो कहावत “सात बार गिरो, आठ बार उठो” का प्रतीक है।
- यह कभी हार न मानने की सीख देती है।
- भारत के साथ संबंध:
- बोधिधर्म, कनचीपुरम (भारत) के एक भारतीय संन्यासी थे, जिन्हें जापान में दारूमा दैशी के रूप में सम्मानित किया जाता है।
- उन्होंने नौ साल तक दीवार की ओर मुंह करके ध्यान साधना की, यही कारण है कि गुड़िया की अंगहीन, गोल आकृति और खाली आंखें हैं।
- बोधिधर्म भारत से हेनान प्रांत, चीन तक गए, जहां उन्होंने गुफा में ध्यान किया।
- दारूमा का नाम संस्कृत शब्द “धर्म” से लिया गया है, जो इसके भारतीय मूल को दर्शाता है।