Delhi IGI Airport becomes the first water-positive airport in the country
संदर्भ:
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (IGIA) वर्ष 2025 में भारत का पहला वाटर-पॉजिटिव एयरपोर्ट घोषित किया गया है। एयरपोर्ट को जल-सकारात्मक दर्जा नीति आयोग और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के दिशानिर्देशों के तहत वॉटर इनोवेशन समिट 2025 में दिया गया।
वाटर-पॉजिटिव एयरपोर्ट की अवधारणा:
वाटर-पॉजिटिव का अर्थ है कि कोई संस्थान जितना पानी उपभोग करता है, उससे अधिक मात्रा में पुनर्भरण (Recharge) या पुनर्चक्रण (Reuse) के रूप में पर्यावरण को वापस लौटाए। IGIA के संदर्भ में यह सिद्धांत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एयरपोर्ट प्रतिवर्ष 40 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभालने वाला भारत का सबसे व्यस्त हवाईअड्डा है।
IGI एयरपोर्ट की जल प्रबंधन अवसंरचना:
IGI एयरपोर्ट ने व्यापक और वैज्ञानिक जल प्रबंधन अवसंरचना विकसित की है। जल-सकारात्मकता प्राप्त करने के लिए एयरपोर्ट ने तीन प्रमुख आयामों पर कार्य किया।
- वर्षा जल संचयन: 625 से अधिक वर्षा जल संरचनाएं, दो बड़े 90 लाख लीटर क्षमता वाले भूमिगत जलाशय बनाए गए।
- अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण: अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण हेतु 16.6 MLD क्षमता वाला अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र विकसित किया गया है। जो परिसर का संपूर्ण गंदा पानी शुद्ध कर पुनः उपयोग हेतु उपलब्ध कराता है। इस शुद्ध जल का उपयोग बागवानी, शौचालय, HVAC सिस्टम, और कूलिंग टावरों में किया जाता है।
- खपत का अनुकूलन: एयरपोर्ट में ड्रिप और स्प्रिंकलर इरिगेशन तकनीक, स्मार्ट वॉटर मीटरिंग और वॉटर-क्वालिटी मॉनिटरिंग सेंटर भी बनाए गए हैं, जो जल-संरक्षण को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाते हैं।
IGIA की अन्य प्रमुख उपलब्धियाँ:
- IGIA ने सतत विकास, ऊर्जा दक्षता और आधुनिक एविएशन मानकों में लगातार अग्रणी भूमिका निभाई है। एयरपोर्ट एशिया में कार्बन उत्सर्जन मान्यता (ACI ACA) में लेवल-5 प्राप्त करने वाला पहला हवाईअड्डा है, जो इसके जलवायु-अनुकूल और नेट-जीरो लक्ष्यों की दिशा में निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- यात्री सुविधा के क्षेत्र में भी IGIA को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। इसे लगातार कई वर्षों तक स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड्स और ACI के ASQ (Airport Service Quality) अवार्ड्स में उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है।
- यह भारत का सबसे तकनीकी रूप से आधुनिक एयरपोर्ट है। इसमें उन्नत डिजिटल नेविगेशन सिस्टम, अत्याधुनिक फेशियल रिकग्निशन आधारित DigiYatra, और तेज़ सुरक्षा प्रक्रिया अपनाई जाती है।
IGIA के वाटर-पॉजिटिव बनने की उपलब्धि का महत्व:
- जल प्रबंधन का अग्रणी मॉडल: दिल्ली–एनसीआर पहले से ही भूजल कमी और जल-तनाव वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे क्षेत्र में IGIA का वाटर-पॉजिटिव बनना यह दिखाता है कि बड़े बुनियादी ढाँचे वाली परियोजनाएँ भी स्थानीय जल-संतुलन सुधार सकती हैं।
- बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए उदाहरण: एयरपोर्ट प्रतिदिन लाखों लीटर पानी उपयोग करते हैं, इसलिए इतने बड़े संस्थान का वाटर-पॉजिटिव बनना देश के अन्य उद्योगों—विशेषकर मेट्रो सिस्टम, औद्योगिक पार्कों, SEZ और स्मार्ट सिटी—के लिए प्रेरणादायक मिसाल है।
- राष्ट्रीय जल सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान: IGIA का यह प्रयास भारत की व्यापक जल सुरक्षा रणनीति, ‘जल जीवन मिशन’, जल-तटस्थता पहल, और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन लक्ष्यों के अनुरूप है। यह उपलब्धि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाती है।
- वैश्विक एविएशन सेक्टर में नेतृत्व: IGIA का वाटर-पॉजिटिव दर्जा भारत को वैश्विक स्तर पर सतत एविएशन के अग्रणियों में शामिल करता है। इससे IGIA की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ती है और हवाई अड्डों को ‘ग्रीन एयरपोर्ट’ के रूप में वैश्विक पहचान मिलती है।

