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दिल्ली में जियोसेल्स तकनीक से बनेगी पहली प्लास्टिक सड़क (Delhi to Get First Plastic Road Using Geocells Technology) | UPSC Preparation

Delhi to Get First Plastic Road Using Geocells Technology

Delhi to Get First Plastic Road Using Geocells Technology

Delhi to Get First Plastic Road Using Geocells Technology – 

संदर्भ:

दिल्ली को अपनी पहली प्लास्टिक सड़क मिलने जा रही है, जो सतत बुनियादी ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सड़क भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) द्वारा विकसित की जा रही है। इसमें 9x9x9 इंच की बॉक्स जैसी कोशिकाओं को बिटुमिन और प्लास्टिक मिश्रण से भरकर निर्माण तकनीक अपनाई जा रही है।

Geocells Technology क्या है?

Geocells एक प्रकार की cellular confinement system है, जो फैलने पर तीनआयामी (3D) संरचना बनाती है जो दिखने में शहद के छत्ते (honeycomb) जैसी होती है। इसका प्रयोग ज़मीन की मजबूती और स्थिरता बढ़ाने के लिए किया जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • Geocells आमतौर पर High-Density Polyethylene (HDPE) या अन्य मजबूत पॉलिमर से बनाए जाते हैं।
  • इनका उद्देश्य मिट्टी, बजरी या रेत जैसे भराव (infill) पदार्थों को स्थिर करना और फैलने से रोकना होता है।

Geocells कैसे काम करते हैं?

  • Geocells को निर्माण स्थल पर फैलाया जाता है और उनमें चुना हुआ भराव सामग्री (infill material) डाला जाता है।
  • इन कोशिकाओं के भीतर सामग्री सीमित (confined) रहती है, जिससे क्षैतिज फैलाव (lateral spreading) और ढहाव रुकता है।
  • इससे ज़मीन की लोड सहने की क्षमता (load-bearing capacity) काफी बढ़ जाती है।

उपयोग:

  • सड़क निर्माण (जैसे दिल्ली की पहली प्लास्टिक सड़क)
  • तटबंध, ढलानों और बेसमेंट को मजबूत करने में
  • पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में टिकाऊ निर्माण के लिए

Geocell Technology के प्रमुख अनुप्रयोग

  • सड़क निर्माण (Road Construction):
    सड़क की सबग्रेड को मजबूत करने के लिए उपयोग होता है, जिससे भार का बेहतर वितरण होता है और पक्की परतों की मोटाई घटाई जा सकती है।
  • ढलान स्थिरीकरण (Slope Stabilization):
    ढलानों को स्थिर रखने, कटाव रोकने और हरियाली बढ़ाने में प्रभावी।
  • कटाव नियंत्रण (Erosion Control): मिट्टी को स्थिर रखकर इसका बहाव रोकता है — खासकर ढलानों, नदी किनारों और तटीय क्षेत्रों में।
  • भार समर्थन (Load Support): नींवों को सुदृढ़ करने और मजबूत आधार तैयार करने में सहायक।
  • अन्य नागरिक परियोजनाएं: रिटेनिंग वॉल, नहरों की लाइनिंग और विभिन्न सिविल इंजीनियरिंग कार्यों में प्रयोग।

Geocell Technology के लाभ (Benefits)

  • भार वहन क्षमता में वृद्धि: मिट्टी की मजबूती और स्थिरता बढ़ती है, जिससे भारी भार सहन करने में सक्षम होती है।
  • कटाव में कमी: मिट्टी को फैलने से रोककर पर्यावरण को संरक्षित करता है।
  • लागत प्रभावशीलता: खुदाई की आवश्यकता कम कर निर्माण लागत घटाता है, साथ ही स्थानीय भराव सामग्री का उपयोग करता है।
  • पर्यावरणीय स्थिरता: ढलानों को हरियाली के साथ स्थिर किया जा सकता है, जो प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल समाधान है।
  • टिकाऊपन और दीर्घकालिकता: मजबूत सामग्री से निर्मित होते हैं और कठोर जलवायु में भी लंबे समय तक प्रदर्शन बनाए रखते हैं।

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