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भारत में डोपिंग संकट (Doping crisis in India) | Apni Pathshala

Doping crisis in India

Doping crisis in India

संदर्भ: 

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) द्वारा दिसंबर 2025 में जारी टेस्टिंग फिगर्स रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2024 में लगातार तीसरे वर्ष वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक डोपिंग उल्लंघन दर्ज किए। 

डोपिंग उल्लंघन की स्थिति:

  • WADA के आंकड़े दर्शाते हैं कि फ्रांस में लगभग 11,800 परीक्षणों में 91 मामले, चीन में 24,000 से अधिक परीक्षणों में केवल 43 मामले, और अमेरिका में 1.1 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट दर्ज हुआ।
  • इसके विपरीत, भारत का 3.6 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट गंभीर चिंता का विषय है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 7,113 डोपिंग परीक्षणों में से 260 मामले सकारात्मक पाए गए, जिससे 3.6 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट सामने आया। 
  • यह आंकड़ा उन सभी देशों में सर्वाधिक है, जहां 5,000 से अधिक परीक्षण किए गए। यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी और 2036 ओलंपिक व पैरालंपिक खेलों की मेजबानी की दावेदारी कर रहा है।
  • भारत में एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग और कुश्ती सबसे अधिक प्रभावित खेल हैं, जहां प्रदर्शन का दबाव और सीमित निगरानी डोपिंग को बढ़ावा देती है।

डोपिंग के कारण:

  • व्यवस्थागत विफलताएँ: वैज्ञानिक अनुसंधान की कमी और प्रशिक्षकों, डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों के बीच डोपिंग-रोधी ज्ञान का अपर्याप्त होना। 
  • सामाजिक-आर्थिक दबाव: सरकारी नौकरियों (खेल कोटा के तहत) और वित्तीय प्रोत्साहनों जैसे पुरस्कारों के लिए जीतने का तीव्र दबाव “जल्दबाजी में समाधान” की मानसिकता को बढ़ावा देता है। 
  • अनजाने में डोपिंग: जमीनी स्तर के खिलाड़ियों में कम साक्षरता स्तर के कारण वे अक्सर बिना जांच-पड़ताल के दूषित सप्लीमेंट या प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर लेते हैं। 
  • प्रशासन में कमियाँ: राज्य और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में निगरानी अपर्याप्त है, जिससे दूरस्थ प्रशिक्षण केंद्रों में “सिरिंज संस्कृति” पनप रही है।

सरकार और संस्थागत पहल: 

  • डोपिंग से निपटने के लिए भारत ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम, 2022 लागू किया, जिससे राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) को वैधानिक दर्जा मिला। 
  • 2025 में एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई की स्थापना की गई, जिससे जैविक मानकों की दीर्घकालिक निगरानी संभव हुई। 
  • इसके साथ ही ‘नो योर मेडिसिन’ मोबाइल एप और NIDAMS डिजिटल पोर्टल के माध्यम से खिलाड़ियों को प्रतिबंधित पदार्थों की जानकारी दी जा रही है। 
  • 2024 में NADA ने 280 जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कीं, जिनमें 37,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
  • भारत यूनेस्को अंतरराष्ट्रीय खेल डोपिंग विरोधी अभिसमय का हस्ताक्षरकर्ता है।

संबंधित चुनौती:

  • डोपिंग के उच्च आंकड़े भारत की अंतरराष्ट्रीय खेल विश्वसनीयता को प्रभावित करते हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के साथ 2025 में हुई बैठकों में भी यह विषय उठा। 
  • यदि उल्लंघनों में ठोस गिरावट नहीं आई, तो भारत की वैश्विक खेल आयोजनों की मेजबानी की महत्वाकांक्षा को चुनौती मिल सकती है।

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