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ई-जागृति 2025 (e-Jagriti 2025) | UPSC

e-Jagriti 2025

e-Jagriti 2025

संदर्भ:

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले संबंधी विभाग द्वारा विकसित ई-जागृति प्लेटफ़ॉर्म वर्ष 2025 में उपभोक्ता न्याय प्रणाली को नई दिशा प्रदान कर रहा है। 2024 की तुलना में इस प्लेटफार्म ने अधिक तेज़, सुरक्षित और तकनीक-संचालित सेवा से उपभोक्ता न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है।

ई-जागृति 2025 – उपभोक्ता न्याय में डिजिटल क्रांति:

  • शिकायत निवारण: इस पोर्टल पर नवंबर 2025 तक 1,30,550 शिकायतें दर्ज हुईं और 1,27,058 मामलों का निपटान किया गया, जिससे प्रतीक्षा अवधि कम हुई है।

  • वैश्विक न्याय तक पहुँच: ई-जागृति की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है NRI उपभोक्ताओं को बिना भारत आए शिकायत दर्ज करने और सुनवाई में शामिल होने की सुविधा। इस वर्ष 466 NRI शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, UAE और कनाडा से सबसे अधिक भागीदारी रही। 

  • तकनीक-संचालित इंटरफ़ेस: प्लेटफ़ॉर्म पर 2 लाख से अधिक SMS और 12 लाख ईमेल सूचनाएँ भेजकर प्लेटफ़ॉर्म ने सुनिश्चित किया कि कोई भी उपभोक्ता समय-सीमा या नोटिस से वंचित न रहे।

  • उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा : असम में 25 दिनों के भीतर ₹3.05 लाख की राहत और त्रिपुरा में 8 वर्ष पुराने मामले में ₹1.67 लाख से अधिक का निर्णय प्लेटफ़ॉर्म की क्षमता दर्शाते हैं। 

ई-जागृति क्या है? 

  • परिचय: ई-जागृति भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा विकसित एक आधुनिक, एकीकृत और डिजिटल शिकायत निवारण प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे विशेष रूप से उपभोक्ता विवादों के समाधान को तेज़, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह पोर्टल देश के सभी उपभोक्ता आयोगों—जिला, राज्य और राष्ट्रीय—को एक ही डिजिटल ढाँचे में जोड़ता है, जिससे उपभोक्ता शिकायत संबंधी सभी सेवाएँ एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकते हैं।
  • शुरुआत: ई-जागृति की शुरुआत 1 जनवरी 2025 को उपभोक्ता शिकायत निवारण को डिजिटल रूप से रूपांतरित करने के उद्देश्य से की गई। 

ई-जागृति का उद्देश्य:

  • उपभोक्ताओं को लंबे समय तक प्रतीक्षा न करनी पड़े और आयोगों पर लंबित मामलों का बोझ कम हो—यह ई-जागृति का प्रमुख उद्देश्य है।
  • NRI उपभोक्ताओं को वैश्विक न्याय उपलब्ध कराना, ताकि वे बिना भारत आए शिकायत दर्ज कर सकें और सुनवाई में भाग ले सकें।
  • दस्तावेज़ों, सुनवाई और प्रबंधन को डिजिटल रूप से सक्षम करना, जिससे पर्यावरण-सहायक और उपयोगकर्ता-केंद्रित प्रणाली विकसित हो।
  • एकीकृत ई-गवर्नेंस के माध्यम से OCMS, e-Daakhil, NCDRC CMS और CONFONET जैसे पुराने सिस्टम को एक मंच पर लाकर उपभोक्ता न्याय प्रणाली को अधिक तेज़ बनाना।

ई-जागृति की प्रमुख विशेषताएँ:

  • AI-आधारित इंटरफ़ेस: प्लेटफ़ॉर्म कई भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे विभिन्न राज्यों और पृष्ठभूमियों के उपभोक्ता आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं। AI चैटबॉट उपभोक्ताओं को प्रक्रिया समझने में मदद करता है।
  • वर्चुअल सुनवाई: उपभोक्ता, कंपनियाँ और वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में भाग ले सकते हैं, जिससे न्याय प्रणाली अधिक आधुनिक और समय-बचत हो जाती है।
  • OTP आधारित पंजीकरण: सभी उपयोगकर्ता मोबाइल नंबर के माध्यम से OTP से तुरंत पंजीकरण कर सकते हैं। NRI उपभोक्ता भी विदेश से आसानी से लॉगिन कर सकते हैं।
  • रीयल-टाइम ट्रैकिंग: मामले की स्थिति, नोटिस, दिनांक और आदेश की जानकारी SMS और ईमेल द्वारा तुरंत उपलब्ध होती है। इससे पारदर्शिता और समयबद्धता बनी रहती है।
  • एकीकृत दस्तावेज़ प्रबंधन: दस्तावेज़ अपलोड, प्रतिउत्तर, rejoinder, नोटिस और आदेश सभी डिजिटल रूप से उपलब्ध होते हैं। कोई भी भौतिक दस्तावेज़ भेजने की आवश्यकता नहीं होती।
  • सुरक्षित ऑनलाइन भुगतान: Bharat Kosh और PayGov के माध्यम से सहज और सुरक्षित शुल्क भुगतान की सुविधा उपलब्ध है, जिससे वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
  • डेटा सुरक्षा और एन्क्रिप्शन: एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और भूमिका-आधारित एक्सेस से डेटा गोपनीयता और सुरक्षा बनी रहती है।

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