Apni Pathshala

भारत में इथेनॉल-मिश्रित ईंधन (Ethanol-Blended Fuel in India) | UPSC Preparation

Ethanol-Blended Fuel in India

Ethanol-Blended Fuel in India

Ethanol-Blended Fuel in India – 

संदर्भ:

भारत में E20 (20% एथनॉल मिश्रित पेट्रोल) के अपनाने को लेकर वाहन की अनुकूलता और असंगत ईंधन मिश्रण के कारण इंजन को हुए नुकसान पर बीमा दावों की अस्वीकृति जैसी चिंताएँ सामने आई हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उठाई गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया जारी की है।

एथेनॉल ब्लेंडिंग:

  • एथेनॉल एक अल्कोहल-आधारित बायोफ्यूल (Biofuel) है, जिसे आमतौर पर गन्ना, मक्का या अन्य बायोमास (Biomass) स्रोतों से बनाया जाता है।
  • पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emissions) कम होता है और भारत की आयातित जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) पर निर्भरता घटती है।
  • सरकार का Ethanol Blended Petrol (EBP) Programme वर्ष 2003 में शुरू हुआ और पिछले दशक में इसे तेज़ी से बढ़ावा दिया गया।
  • वर्ष 2022 में 10% एथेनॉल ब्लेंडिंग (E10) का लक्ष्य पूरा हुआ।
  • वर्ष 2025 में E20 रोलआउट (20% एथेनॉल मिश्रण) पूरे देश में लागू कर दिया गया।
  • यह उपलब्धि भारत के National Bio-Energy Programme के तहत नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा के बड़े लक्ष्यों के अनुरूप है।

एथेनॉल कैसे तैयार किया जाता है?

  1. किण्वन (Fermentation)– गन्ना, मक्का आदि स्रोतों से प्राप्त शर्करा को यीस्ट (Yeast) द्वारा किण्वित किया जाता है, जिससे एथेनॉल बनता है।
  2. आसवन (Distillation)– किण्वित मिश्रण को आसवन प्रक्रिया से गुज़ारा जाता है, ताकि एथेनॉल को अन्य तत्वों से अलग किया जा सके।
  3. निर्जलीकरण (Dehydration)– आसवन से प्राप्त एथेनॉल से पानी हटाकर निर्जल एथेनॉल (Anhydrous Ethanol) बनाया जाता है, जो पेट्रोल में मिलाने के लिए उपयुक्त होता है।

भारत में एथेनॉल उत्पादन की वर्तमान स्थिति:

  1. उत्पादन क्षमता (Production Capacity)– पिछले 4 वर्षों में एथेनॉल उत्पादन क्षमता दोगुने से अधिक बढ़कर 16,230 मिलियन लीटर हो गई है।
  2. ब्लेंडिंग उपलब्धि (Blending Achievements)– पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने की मात्रा 2013–14 में 53% से बढ़कर 2025 में 20% हो गई है।
  3. आर्थिक प्रभाव (Economic Impact)– कच्चे तेल के आयात में कमी से लगभग ₹1.36 लाख करोड़ विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
  4. ग्रामीण विकास (Rural Development)– किसानों को ₹1.18 लाख करोड़ और डिस्टिलरी को ₹1.96 लाख करोड़ का भुगतान हुआ, जिससे ग्रामीण आय में वृद्धि हुई है।

एथेनॉल ब्लेंडिंगईंधन दक्षता पर प्रभाव:

  1. माइलेज में कमी– एथेनॉल में पेट्रोल की तुलना में लगभग30% कम ऊर्जा प्रति लीटर होती है, जिससे प्रति किलोमीटर ईंधन खपत बढ़ सकती है
  2. सरकार का दृष्टिकोण (Central Govt’s View)
    • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के अनुसार, E10 डिज़ाइन वाले वाहनों(जो E20 के लिए कैलिब्रेट हैं) में माइलेज में केवल 1–2% की मामूली कमी आती है।
    • अन्य वाहनों यह कमी3–6% तक हो सकती है।
    • मंत्रालय का कहना है किसही इंजन ट्यूनिंग से इस हानि को कम किया जा सकता है।
  3. विशेषज्ञों की राय– स्वतंत्र ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों के अनुसार, वास्तविक माइलेज हानि 6–7% तक हो सकती है, खासकर उन वाहनों में जो E20 के लिए अनुकूलित नहीं हैं
  4. परिणाम: माइलेज घटने का मतलब हैबारबार ईंधन भराना और उपभोक्ताओं के लिए अधिक खर्च

जंग और अनुकूलता से जुड़ी समस्याएं:

  1. मुख्य चिंता वाहन का रखरखाव: एथेनॉलहाईग्रोस्कोपिक (Hygroscopic) होता है, यानी यह वातावरण से नमी सोखता है।
  2. संभावित नुकसान (Possible Damages)
    • धातु के हिस्सों में जंग– जैसे फ्यूल टैंक, फ्यूल लाइन, इंजेक्टर और एग्ज़ॉस्ट।
    • रबर और प्लास्टिक के हिस्सों का खराब होना– जैसे सील, गैस्केट और होज़ पाइप।
    • एयरफ्यूल रेशियो में बदलाव– जिससे दहन प्रक्रिया और प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है, खासकर उन इंजनों में जिनके ECU (Engine Control Unit) E20 के लिए कैलिब्रेट नहीं हैं।

Download Today Current Affairs PDF

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top