Export Promotion Mission Plans
Export Promotion Mission Plans –
संदर्भ:
अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर बढ़ाए गए टैरिफ के जवाब में सरकार अपने पहले के निर्यात संवर्धन मिशन की योजनाओं में संशोधन कर रही है, ताकि ध्यान अधिकतर विशेष क्षेत्रों पर केंद्रित किया जा सके।
निर्यात संवर्धन मिशन –
परिचय:
- केंद्रीय बजट 2025–26 में घोषणा।
- वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए ₹2,250 करोड़ का आवंटन।
- उद्देश्य: भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना, विशेषकर MSMEs के लिए, वित्तपोषण और गैर-शुल्क बाधाओं का समाधान करना।
मुख्य विशेषताएं:
- निर्यात ऋण की उपलब्धता– निर्यात वित्तपोषण तक आसान और सस्ती पहुंच।
- क्रॉस–बॉर्डर फैक्टरिंग सहायता– विदेशी खरीदारों से प्राप्तियों के प्रबंधन हेतु फैक्टरिंग सुविधा।
- गैर–शुल्क बाधाओं में सहायता– विदेशी तकनीकी, स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों के अनुपालन में MSMEs की मदद।
क्रियान्वयन मंत्रालय:
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)
- वित्त मंत्रालय
संशोधित मिशन योजनाएं:
- सबसे प्रभावित क्षेत्रों में MSME उधारकर्ताओं के लिए ऋण लागत कम करना।
- नियामकीय और सीमा शुल्क मंजूरी में तेजी।
- लक्षित निर्यात प्रोत्साहन प्रदान करना।
अमेरिकी शुल्क से प्रभावित क्षेत्र (प्राथमिक फोकस):
- वस्त्र एवं परिधान
- झींगा निर्यातक
- कार्बनिक रसायन
- मशीनरी एवं यांत्रिक उपकरण