Five Years of Blue Revolution
संदर्भ:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के लॉन्च के पाँच साल पूरे होने पर यह स्पष्ट हुआ है कि इस योजना ने मत्स्य क्षेत्र को पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ, आर्थिक रूप से लाभकारी और सामाजिक रूप से समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
ब्लू रिवोल्यूशन (2015)
भारत में 2015 में ब्लू रिवोल्यूशन की शुरुआत हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन को बढ़ाना और मत्स्य क्षेत्र की पूरी वैल्यू चेन (value chain) को आधुनिक बनाना था।
- इस योजना से उत्पादकता और बुनियादी ढाँचे में सुधार हुआ।
- लेकिन कुछ कमियाँ बनी रहीं, जैसे – पोस्ट–हार्वेस्ट हैंडलिंग, ट्रेसबिलिटी (traceability), मछुआरों का कल्याण और मार्केट एक्सेस।
इन कमियों को दूर करने के लिए सरकार ने 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) शुरू की।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) – 2020
- इसे सबसे पहले केंद्रीय बजट 2019–20 में घोषित किया गया।
- इसका उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देना और उत्पादन, तकनीक, इन्फ्रास्ट्रक्चर, वैल्यू चेन, ट्रेसबिलिटी और मछुआरों के कल्याण से जुड़ी कमियों को दूर करना है।
- इसे सितंबर 2020 में औपचारिक रूप से शुरू किया गया।
- इस योजना को एक नए “ब्लू रिवोल्यूशन“ को गति देने के रूप में देखा गया।
- योजना ने उत्पादन, गुणवत्ता, तकनीक और इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्रमुख कमियों को दूर किया है और आज भी पूरे भारत में प्रभावशाली सफलता की कहानियों को प्रेरित कर रही है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की संरचना और घटक
PMMSY एक छत्र योजना (Umbrella Scheme) है, जिसके दो प्रमुख घटक हैं –
- केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector Scheme – CS)
- पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित और लागू की जाती है।
- केंद्रीय प्रायोजित योजना (Centrally Sponsored Scheme – CSS)
- इसमें केंद्र सरकार आंशिक सहयोग देती है।
- योजना का कार्यान्वयन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।
प्रमुख उपलब्धियाँ और मील के पत्थर:
- रिकॉर्ड मछली उत्पादन
- वर्ष 2024–25 में भारत ने 195 लाख टन मछली उत्पादन का नया रिकॉर्ड बनाया।
- यह उत्पादन 2019–20 के 64 लाख टन से कहीं अधिक है।
- वैश्विक स्तर पर स्थिति
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है।
- भारत वैश्विक मछली उत्पादन में लगभग 8% योगदान देता है।
- निर्यात में वृद्धि
- मत्स्य निर्यात (Fisheries Exports) 2019–20 में ₹46,662.85 करोड़ से बढ़कर 2023–24 में ₹60,524.89 करोड़ तक पहुँच गया।
- इससे भारत की स्थिति वैश्विक सीफ़ूड बाज़ार में मजबूत हुई।
- महिला सशक्तिकरण
- PMMSY के तहत महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है।
- लाभार्थी उन्मुख गतिविधियों और एंटरप्रेन्योर मॉडल में
- परियोजना लागत का 60% तक वित्तीय सहयोग दिया जाता है।
- एक परियोजना पर अधिकतम ₹1.5 करोड़ तक की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।