Flower Lady of Manipur Chokhone Krichena
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर, 2025 को ‘मन की बात’ के 129वें एपिसोड में मणिपुर की चोखोने क्रिचेना (Chokhone Krichena) की सराहना की। क्रिचेना ने अपनी पारंपरिक कृषि विरासत को एक आधुनिक उद्यम में बदलकर मणिपुर के ग्रामीण परिदृश्य में आर्थिक क्रांति का सूत्रपात किया है।
चोखोने क्रिचेना का परिचय और योगदान:
- चोखोने क्रिचेना मणिपुर के सेनापति जिले के माओ (Mao) क्षेत्र में रहती है। उन्हें “फ्लावर लेडी ऑफ मणिपुर” के नाम से जाना जाता है।
- चोखोने ने पुणे से स्नातक और बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। उच्च शिक्षित होने के बावजूद, उन्होंने अपने गृह राज्य मणिपुर में कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने का निर्णय लिया।
- जुलाई 2021 में, क्रिचेना ने ‘डियान्थे प्राइवेट लिमिटेड’ (Dianthe Private Limited) की स्थापना की। ‘डियान्थे’ एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है “देवताओं का फूल”।
- उन्होंने पारंपरिक खेती को एक व्यावसायिक मॉडल में बदलकर फूलों की खेती (Floriculture) को बढ़ावा दिया। क्रिचेना ने सूखे फूलों (Dry Flowers) से मोमबत्तियाँ, एपॉक्सी आर्ट, फोटो फ्रेम और अन्य उपहार सामग्री बनाना शुरू किया।
- क्रिचेना ने लगभग 50-60 ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित किया है और उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाया है।
- उन्होंने किसानों को पारंपरिक सब्जियों के मुकाबले फूलों से 3 से 4 गुना अधिक आय कमाने का विकल्प दिया है। आज उनके उत्पाद भारत के 16-17 राज्यों (दिल्ली, महाराष्ट्र, असम आदि) में बेचे जा रहे हैं।
- उन्हें Kula Innovate Challenge 2024 से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख सरकारी पहले:
- CSIR फ्लोरीकल्चर मिशन: यह मिशन नर्सरी स्थापना, मूल्यवर्धन (Value Addition) और फूलों के निर्यात के लिए किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है। यह मणिपुर जैसे राज्यों में किसानों की आय दोगुनी करने और आयातित फूलों पर निर्भरता कम करने में मदद कर रहा है।
- RKVY-RAFTAAR योजना: चोखोने क्रिचेना को इस योजना के तहत 3 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था। इस योजना का पूरा नाम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना – रफ़्तार (Remunerative Approaches for Agriculture and Allied Sectors Rejuvenation) है। जो कृषि स्टार्टअप्स को बुनियादी ढांचा और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH): यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो बागवानी (फूल, फल, सब्जी) के समग्र विकास के लिए है। यह किसानों को पॉली-हाउस, ग्रीन-हाउस तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
- मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (MOVCDNER): इस मिशन का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत को ‘ऑर्गेनिक हब’ बनाना है। यह योजना किसानों के समूहों (FPOs) को जैविक खेती के प्रमाणीकरण और उनकी उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने में मदद करती है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME): यह योजना “वोकल फॉर लोकल” पहल के तहत काम करती है। इसके माध्यम से फूलों से उत्पाद (जैसे मोमबत्तियाँ, इत्र या ड्राई फ्लावर उत्पाद) बनाने वाली छोटी इकाइयों को पूंजीगत सब्सिडी और प्रशिक्षण दिया जाता है।

