Free Trade Agreement
संदर्भ:
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिया, जो दोनों देशों के बीच तीन वर्षों की गहन वार्ताओं के बाद संपन्न हुआ। यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को 2040 तक £25.5 बिलियन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखता है और इसे ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौता माना जा रहा है।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?
- परिभाषा:
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या अधिक देशों के बीच किया गया एक समझौता है, जिसके तहत व्यापारित वस्तुओं पर आयात शुल्क में कमी या समाप्ति की जाती है।
- इसका उद्देश्य गैर-शुल्कीय बाधाओं को कम करना, सेवाओं के व्यापार को सुगम बनाना और द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देना है।
- FTA के लाभ:
- निर्यात और बाजार पहुंच में वृद्धि: शुल्कों में कमी से भारतीय वस्तुएं अधिक प्रतिस्पर्धी बनती हैं।
- विदेशी निवेश में वृद्धि: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा मिलता है।
- व्यापार संबंधों का विविधीकरण: कुछ विशेष बाजारों पर अत्यधिक निर्भरता को कम करता है।
- रोजगार सृजन और आर्थिक विकास: उद्योगों के विस्तार से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं।
- रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ बनाना: कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
- भारत के हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते:
- हस्ताक्षरित FTA: श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, मॉरीशस, ASEAN और EFTA के साथ।
- आगामी FTA: भारत वर्तमान में यूके, यूरोपीय संघ (EU) और अमेरिका के साथ FTA पर बातचीत कर रहा है ताकि पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत किए जा सकें।
- भारत–यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA):
- उद्देश्य: व्यापार और निवेश में वृद्धि के लिए शुल्क और गैर-शुल्कीय बाधाओं को कम करना।
- व्यापार और निवेश में वृद्धि के लिए शुल्क और गैर-शुल्कीय बाधाओं को कम करना।
- प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों का विस्तार।
- छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाना।
भारत के लिए लाभ:
- निर्यात में वृद्धि: 99% भारतीय निर्यात वस्तुओं पर ब्रिटेन में शून्य आयात शुल्क लागू होगा, जिससे वस्त्र, खाद्य उत्पाद, आभूषण, चमड़ा, खिलौने, रत्न और रसायन जैसे क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।
- सेवा क्षेत्र में अवसर: आईटी, वित्तीय, पेशेवर और शैक्षिक सेवाओं में ब्रिटेन के बाजार तक बेहतर पहुंच प्राप्त होगी।
- रोजगार सृजन: उत्पादन और निर्यात में वृद्धि से भारत में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
ब्रिटेन के लिए लाभ:
- शुल्क में कटौती: भारत में स्कॉच व्हिस्की और जिन पर शुल्क 150% से घटाकर 40% किया जाएगा; कारों पर शुल्क 100% से घटाकर 10% किया जाएगा।
- निर्यात में वृद्धि: चॉकलेट, बिस्किट, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों जैसे उत्पादों के निर्यात में वृद्धि होगी।
- सेवा क्षेत्र में पहुंच: भारतीय सरकारी खरीद बाजार तक सीमित पहुंच और सीमा शुल्क प्रक्रियाओं का सरलीकरण।
अन्य प्रमुख बिंदु:
- व्यवसायिक गतिशीलता: भारतीय सांस्कृतिक पेशेवरों के लिए प्रति वर्ष 1,800 वीजा की अनुमति।
- कर प्रावधान: अस्थायी रूप से ब्रिटेन में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को राष्ट्रीय बीमा योगदान से छूट, जो कुछ विवादों का कारण बना है।
- सेवा क्षेत्र: वित्तीय और कानूनी सेवाएं इस समझौते में शामिल नहीं हैं।