Gati Shakti Multi-Modal Cargo Terminal
संदर्भ:
हाल ही में रेल मंत्री ने राज्यसभा को अवगत कराया कि ओडिशा में सात नए गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल (GCT) विकसित किए जाएंगे। यह निर्णय केंद्र सरकार की माल परिवहन दक्षता को बढ़ाने हेतु व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इन स्वीकृतियों के साथ अब ओडिशा में कुल GCT की संख्या 17 हो जाएगी, जिनमें से 10 पहले ही चालू हैं।
गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल नीति:
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परिचय: गति शक्ति मल्टी-मोडल कार्गो टर्मिनल (GCT) एक प्रकार का माल ढुलाई टर्मिनल है, जिसे रेल माल ढुलाई को सुगम बनाने और मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है ।ये टर्मिनल रेलवे की भूमि या निजी भूमि पर बनाए जा सकते हैं, जिसमें निजी निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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नीति की शुरुआत: यह नीति दिसंबर 2021 में शुरू की गई, जिसे भारतीय रेल द्वारा लागू की गई।
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उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य रेल माल ढुलाई में वृद्धि, निजी निवेश को आकर्षित करना और तेज व सरल स्वीकृति प्रक्रिया के माध्यम से कार्गो टर्मिनलों का शीघ्र विकास करना है।
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प्रावधान: इस नीति के तहत आवेदकों को विभागीय शुल्क और भूमि लाइसेंस शुल्क से छूट दी जाती है। रेलवे भूमि पर कनेक्टिविटी के लिए शुल्क नहीं लिया जाता, जबकि सामान्य उपयोगकर्ता सुविधाओं का निर्माण और रखरखाव भारतीय रेल द्वारा किया जाता है।
ओडिशा में GCT विस्तार का महत्व:
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औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला: ओडिशा खनिज, इस्पात, सीमेंट और ऊर्जा आधारित उद्योगों का प्रमुख केंद्र है। नए GCT इन क्षेत्रों के लिए तेज, सस्ती और विश्वसनीय माल आवाजाही सुनिश्चित करेंगे, जिससे उत्पादन और निर्यात क्षमता बढ़ेगी।
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स्थानीय अर्थव्यवस्था: नए टर्मिनलों से रोजगार सृजन, सहायक सेवाओं का विकास और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। इससे ओडिशा की औद्योगिक प्रतिस्पर्धा भी सुदृढ़ होगी।
जखपुरा GCT परियोजना:
- हाल ही में जाजपुर जिले के जखपुरा में एक GCT चालू किया गया, जो पूर्व तट रेलवे के खुर्दा रोड मंडल के अंतर्गत है। यह परियोजना ₹36.85 करोड़ के निवेश से विकसित की गई।
- इस टर्मिनल में चार हैंडलिंग लाइनें हैं और यह प्रति माह लगभग 86 रेक संभालने में सक्षम है। यहाँ से सीमेंट का बाहरी परिवहन होता है, जबकि क्लिंकर, स्लैग और जिप्सम का आवक परिवहन किया जाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति:
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देशव्यापी स्थिति: रेल मंत्री के अनुसार, देशभर में अब तक 120 GCT चालू हो चुके हैं और 133 अन्य विभिन्न चरणों में हैं। यह दर्शाता है कि GCT नीति तेजी से क्रियान्वित हो रही है।
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लॉजिस्टिक्स लागत: भारत में लॉजिस्टिक्स लागत लगभग GDP का 13 प्रतिशत मानी जाती है। GCT और बहु-मॉडल कनेक्टिविटी से इसे कम कर वैश्विक मानकों के करीब लाने का प्रयास किया जा रहा है।
- राजस्व वृद्धि: जीसीटी द्वारा संचालित यातायात से माल ढुलाई राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2024-25 में ₹12,608.05 करोड़ तक पहुंच गया है, जो तीन वर्षों में चार गुना वृद्धि है।
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से संबंध:
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एकीकृत अवसंरचना विकास: GCT का विस्तार पीएम गति शक्ति – राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य रेल, सड़क, बंदरगाह और अंतर्देशीय जलमार्गों के बीच निर्बाध समन्वय स्थापित करना है।
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वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब: इन प्रयासों से भारत की स्थिति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत होगी और मेक इन इंडिया तथा निर्यात संवर्धन को गति मिलेगी।

