Gems & Jewellery
संदर्भ:
अमेरिका ने 27 अगस्त 2025 से भारतीय हीरों और रत्नों पर 50% का भारी टैरिफ लागू कर दिया है। यह कदम अमेरिकी व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि भारत दुनिया के सबसे बड़े हीरा कटाई और पॉलिशिंग केंद्रों में से एक है और उसका रत्न एवं आभूषण उद्योग अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर करता है।
भारत का रत्न एवं आभूषण (Gems & Jewellery) क्षेत्र:
- निर्यात पर प्रभाव (Impact on Exports)
- भारत के हीरा उद्योग का निर्यात दसकों के निचले स्तर पर पहुँच गया है, मुख्य रूप से चीन में कमजोर मांग और अमेरिका में उच्च टैरिफ के कारण।
- अमेरिका भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यात का लगभग एक तिहाई हिस्सा है।
- सूरत, जहां दुनिया के 80% से अधिक कच्चे हीरे कट और पालिश किए जाते हैं, वहाँ ऑर्डर धीरे-धीरे कम हो रहे हैं।
- कुछ बड़े खिलाड़ी अपने संचालन का हिस्सा बोत्सवाना जैसे देशों में स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं, जहाँ अमेरिकी टैरिफ केवल 15% है।
- आर्थिक महत्व (Economic Significance)
- FY 2023–24 में भारत का रत्न और आभूषण निर्यात US$ 22 बिलियन रहा।
- 2027 तक निर्यात US$ 100 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान।
- यह क्षेत्र भारत के GDP में 7% का योगदान देता है।
- लगभग 50 लाख (5 million) लोग इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।
- मुख्य तथ्य (Key Facts)
- FY 2025 में भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यात का 33% हिस्सा अमेरिका को गया।
- भारत दुनिया का शीर्ष हीरा निर्यातक और सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- प्रमुख केंद्र: सूरत, जयपुर और मुंबई।
- प्रमुख निर्यात बाजार: अमेरिका, UAE और हांगकांग।