Glacial Erosion
Glacial Erosion –
संदर्भ:
नेचर जिओसाइंस में प्रकाशित एक नए वैश्विक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि विश्व के लगभग सभी ग्लेशियर हर साल 0.02 मिलीमीटर से 2.68 मिलीमीटर के बीच कटाव या अपरदन का शिकार होते हैं।
मुख्य निष्कर्ष:
- कटाव दर (Erosion Rates)– 99% ग्लेशियरों में अनुमानित कटाव दर 02 मिमी/वर्ष से 2.68 मिमी/वर्ष के बीच पाई गई।
- अवसाद हटाना (Sediment Removal)– सभी ग्लेशियर मिलकर हर साल लगभग 23 गीगाटन चट्टानी सतह का क्षरण करते हैं।
- उच्च कटाव वाले क्षेत्र– अलास्का, मध्य व दक्षिण एशिया, कॉकसस एवं मध्य पूर्व, न्यूज़ीलैंड।
- मुख्य कारक (Main Drivers)– वर्षा, ग्लेशियर की ऊँचाई, लंबाई, अक्षांश (latitude) और भूविज्ञान, ग्लेशियर की गति की तुलना में अधिक प्रभाव डालते हैं।
- पर्यावरण–विशिष्ट मॉडल– सर्ज-टाइप, मरीन-टर्मिनेटिंग और लैंड-टर्मिनेटिंग ग्लेशियरों के लिए अलग-अलग समीकरण विकसित किए गए।
- भारत की भागीदारी– गंगोत्री ग्लेशियर, डॉकरीआनी ग्लेशियर और सियाचिन ग्लेशियर इस अध्ययन में शामिल हैं।
निष्कर्ष – यह अध्ययन दर्शाता है कि ग्लेशियर न केवल जलवायु परिवर्तन के संकेतक हैं बल्कि वे पृथ्वी की सतह के आकार को बदलने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। इनके क्षरण और अवसाद हटाने की प्रक्रिया का सही आकलन, जलवायु विज्ञान, नदियों के तल निर्माण और बाढ़ प्रबंधन की रणनीतियों में मदद करता है।