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वैश्विक तापमान में वृद्धि (Global temperature rise) Ankit Avasthi Sir

Global temperature rise

Global temperature rise

संदर्भ:

 वैश्विक वार्षिक से दशकीय जलवायु अपडेट के अनुसार, अगले पाँच वर्षों के दौरान पृथ्वी का तापमान औद्योगीकरणपूर्व स्तर (1850–1900) की तुलना में 1.2°C से 1.9°C अधिक रहने की संभावना जताई गई है।

(Global temperature rise) वैश्विक तापमान में तेजी से वृद्धि:
  • 2024 का तापमान: औसत वैश्विक तापमान 1850–1900 (औद्योगिक-पूर्व स्तर) की तुलना में 34°C से 1.41°C अधिक रहा।
  • 2025 तक की पूर्वानुमान:
    • 2015–2034 के 20-वर्षीय औसत तापमान में 44°C की वृद्धि संभावित।
    • अगले 5 वर्षों में:
      • 86% संभावना कि कम-से-कम एक वर्ष में तापमान 5°C से अधिक होगा।
      • 1% संभावना कि कोई एक वर्ष 2°C तक बढ़ जाए।
      • 70% संभावना कि 5-वर्षीय औसत तापमान 5°C की सीमा पार कर जाएगा।
    • पेरिस समझौता (5°C लक्ष्य): यह लक्ष्य 20 वर्षों के औसत तापमान पर आधारित है। WMO ने स्पष्ट किया है कि यह सीमा स्थायी रूप से अभी पार नहीं हुई है, लेकिन वर्तमान प्रवृत्ति चेतावनी संकेत है।

क्षेत्रीय वर्षा प्रभाव:

  • अधिक वर्षा वाले क्षेत्र: अफ्रीकी साहेल, उत्तरी यूरोप और दक्षिण एशिया में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना।
  • सूखे से प्रभावित क्षेत्र: अमेज़न क्षेत्र में सूखे की स्थिति बनी रह सकती है।

आर्कटिक में तेज़ गर्मी:

  • आगामी पाँच सर्दियों (नव.मार्च):
    • आर्कटिक का औसत तापमान 1991–2020 की तुलना में 4°C अधिक रहने की संभावना।
    • यह वृद्धि वैश्विक औसत से साढ़े तीन गुना अधिक है।
  • समुद्री बर्फ का ह्रास:
    • बरेंट्स, बेरिंग और ओखोत्स्क सागर में समुद्री बर्फ का सिकुड़ना जारी।
    • इससे समुद्र स्तर बढ़ने और विश्वभर में मौसमी असंतुलन की आशंका।

पेरिस समझौता (2015, COP21):

प्रकृति: यह कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के COP21 सम्मेलन में 2015 में अपनाया गया।

लक्ष्य:

  • वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्वऔद्योगिक स्तरों की तुलना में 2°C से नीचे रखना।
  • साथ ही इसे 5°C तक सीमित करने के प्रयास करना।

1.5°C सीमा:

  • यह एक लक्ष्य है, कानूनी बाध्यता नहीं
  • इसका उल्लंघन तब माना जाएगा जब दीर्घकालिक (20–30 वर्षों) औसत तापमान इस सीमा से ऊपर चला जाए, न कि केवल किसी एक वर्ष में।

राष्ट्रनिर्धारित योगदान (NDCs):

  • सभी देश स्वयं के NDCs बनाते हैं और इन्हें हर 5 वर्षों में समीक्षित अद्यतन करते हैं।
  • इसका उद्देश्य जलवायु कार्रवाई को समय के साथ और अधिक प्रभावी बनाना है।

वर्तमान स्थिति (2025):

  • UNFCCC के 195 में से 180 देश अब तक 2031–35 के लिए अपनी नई NDCs प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं।
  • उन्हें यह कार्य COP30 से पहले करना है।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन

  • स्थापना: 1950 में स्थापित, यह एक सरकारी अंतरसरकारी संगठन है।
  • सदस्यता: इसके 193 सदस्य राष्ट्र और क्षेत्र हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र से संबंध: यह संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत एजेंसी है, जो मौसम विज्ञान, जल विज्ञान और भूभौतिकी से संबंधित क्षेत्रों में कार्य करती है।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।

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