Guwahati becomes the country first nature-themed airport
संदर्भ:
गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देश के पहले ‘नेचर-थीम’ आधारित टर्मिनल का उद्घाटन किया गया है, जो असम की समृद्ध जैव विविधता, स्थानीय संस्कृति और विरासत को दर्शाता है। यह भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘स्थानीय को बढ़ावा देने’ के विजन को साकार करता है।
‘नेचर-थीम’ आधारित टर्मिनल:
- उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुवाहाटी में इस नए टर्मिनल का उद्घाटन किया, जो असम में 15,600 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का हिस्सा है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य हवाई अड्डे को पूर्वोत्तर के लिए एक प्रमुख विमानन केंद्र एवं एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में विकसित करना है।
- संचालन: इसे GLL (गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया और Adani Airports (अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- क्षेत्रफल: यह 1.4 लाख वर्ग मीटर (लगभग) में फैला हुआ है।
- डिज़ाइन: आगमन और प्रस्थान क्षेत्रों में फॉक्सटेल ऑर्किड (कोपोउ फूल) के गुलदस्ते जैसे 57 विशिष्ट स्तंभ हैं। यह डिज़ाइन असम के स्थानीय भोलुका बांस और अरुणाचल प्रदेश के अपातानी बांस और कौपौ फूल (असम का राज्य फूल) से प्रेरित है, जो स्थानीय संस्कृति और प्रकृति को दर्शाता है।
- प्राकृतिक सौंदर्य: टर्मिनल में हरियाली, प्राकृतिक प्रकाश और पारंपरिक असमिया कला व शिल्प को दर्शाने वाले तत्व जैसे काजीरंगा, जापी रूपांकन से प्रेरित डिज़ाइन शामिल हैं।
- सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व: इसमें खुदरा (Retail), खाद्य और पेय पदार्थों (F&B) के आउटलेट स्थानीय असमिया व्यंजनों, लोककथाओं और असमिया पगड़ी ‘जापी’ जैसे हस्तशिल्प को प्रदर्शित करते हैं।
- यात्री क्षमता: यह टर्मिनल प्रति वर्ष लगभग 1.31 करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम है।
- आधुनिक तकनीक: इसमें ऑटोमेटिक ट्रे रिट्रीवल सिस्टम (ATRS), फुल-बॉडी स्कैनर, फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन (FTI-TTP) और संपर्क-आधारित गेट्स जैसी अत्याधुनिक सुरक्षा और दक्षता सुविधाएँ हैं।
- नई अवधारणा: पार्किंग और आगमन क्षेत्र में चेक-इन की सुविधा पहली बार शुरू की गई है, जिससे यात्रियों का सामान ले जाने का बोझ कम होगा।
- ग्रीन बिल्डिंग: यह टर्मिनल ‘ग्रिहा’ (GRIHA) रेटिंग मानकों के अनुरूप बनाया गया है, जो इसके पर्यावरण-अनुकूल होने की पुष्टि करता है।
इसका महत्व:
- ‘एक्ट ईस्ट’ नीति (Act East Policy): गुवाहाटी हवाई अड्डा भारत के लिए दक्षिण-पूर्वी एशिया (ASEAN देशों) का प्रवेश द्वार है। यह टर्मिनल म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाकर भारत की विदेश नीति को मजबूती प्रदान करेगा।
- पूर्वोत्तर का आर्थिक विकास: बेहतर हवाई कनेक्टिविटी से पर्यटन, स्थानीय हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों (विशेषकर जैविक उत्पादों) के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार सृजन: हवाई अड्डे के विस्तार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- कार्बन पदचिह्न (Carbon Footprint): हरित प्रौद्योगिकियों के उपयोग से यह टर्मिनल विमानन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के भारत के लक्ष्य में योगदान देता है।

