Heart Disease from DEHP
संदर्भ:
द लैंसेट में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि वर्ष 2018 में प्लास्टिक के संपर्क के कारण वैश्विक स्तर पर 3.56 लाख से अधिक हृदय संबंधी मौतें हुईं, जिनमें से अधिकांश 55 से 64 वर्ष की आयु के लोगों में दर्ज की गईं।
DEHP से हृदय रोग से जुड़ी मौतें: एक चिंताजनक रिपोर्ट (The Lancet Study):
क्या है DEHP?
- पूरा नाम: Di-2-ethylhexyl phthalate (डीईएचपी)
- यह एक प्रकार का फ्थेलेट रसायन है जो प्लास्टिक को मुलायम और लचीला बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
किन उत्पादों में मिलता है DEHP?
- फूड कंटेनर
- प्लास्टिक पाइप
- कॉस्मेटिक्स (सौंदर्य प्रसाधन)
- मच्छर भगाने वाले स्प्रे
- मेडिकल उपकरण (IV बैग, ट्यूब आदि)
The Lancet स्टडी के प्रमुख निष्कर्ष (2018 के आंकड़ों के अनुसार):
- 3.56 लाख से अधिक मौतें DEHP के कारण हृदय रोगों से हुईं।
- सबसे अधिक प्रभाव 55 से 64 वर्ष की आयु के लोगों पर
- यह अध्ययन NYU Langone Health (US) द्वारा किया गया था।
- टीम ने 200 देशों के स्वास्थ्य सर्वेक्षण और पेशाब के नमूनों का विश्लेषण किया।
- मृत्यु के आँकड़े Institute for Health Metrics and Evaluation (IHME) से लिए गए।
DEHP का प्रभाव कैसे पड़ता है?
- यह रसायन हार्मोन में गड़बड़ी, ब्लड प्रेशर में असंतुलन, और दिल की धमनियों पर असर डाल सकता है।
- लंबे समय तक संपर्क में रहने से हृदय और मेटाबॉलिक रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
इस अध्ययन का महत्त्व:
- यह रिपोर्ट बताती है कि घरेलू प्लास्टिक उपयोग न केवल पर्यावरणीय बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है।
- नीतिगत बदलाव, जागरूकता अभियान, और सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ना जरूरी है।