Himachal Pradesh is the fourth fully literate state of India
संदर्भ:
हिमाचल प्रदेश अब भारत का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य की साक्षरता दर 99.3 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 95 प्रतिशत से अधिक है। इस उपलब्धि के साथ हिमाचल प्रदेश मिज़ोरम, त्रिपुरा और गोवा की सूची में शामिल हो गया है।
पूर्ण साक्षरता (Full Literacy):
- परिभाषा: किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में 95% साक्षरता दर हासिल करना ही पूर्ण साक्षरता कहलाता है। शिक्षा मंत्रालय इसे व्यावहारिक रूप से 100% साक्षरता के बराबर मानता है।
- केवल पढ़ना–लिखना ही नहीं: यह पारंपरिक साक्षरता (पढ़ना, लिखना और गणना) से आगे बढ़कर इन कौशलों को भी शामिल करता है–
- डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) – डिजिटल साधनों का उपयोग और समझ।
- वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) – धन प्रबंधन और वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता।
- जीवनोपयोगी कौशल (Critical Life Skills) – विभिन्न परिस्थितियों में जानकारी को समझना, व्याख्या करना, तैयार करना और आलोचनात्मक रूप से उपयोग करना।
योजना : ULLAS (Understanding of Lifelong Learning for All in Society):
यह एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के अशिक्षित व्यक्तियों को साक्षर बनाना है।
मुख्य तथ्य:
- मंत्रालय (Ministry) – शिक्षा मंत्रालय (MoE)
- अवधि (Tenure) – वित्त वर्ष 2022 से 2027 तक (5 वर्ष)
- कार्यान्वयन (Implementation) – यह योजना स्वयंसेवकों पर आधारित है। छात्र-छात्राएँ और स्थानीय समुदाय इसमें शिक्षण और अधिगम (learning) के लिए सहयोग देते हैं।
- लाभार्थी (Beneficiaries) –
- लाभार्थियों की पहचान मोबाइल ऐप के माध्यम से घर–घर सर्वे करके की जाती है।
- 15 वर्ष से अधिक आयु के सभी अशिक्षित व्यक्ति योजना का लाभ ले सकते हैं।
उद्देश्य (Objective):
- सभी अशिक्षित वयस्कों (15+) को शिक्षित करना, विशेषकर महिलाओं और शैक्षिक रूप से पिछड़े राज्यों पर फोकस।
- 5 करोड़ शिक्षार्थियों (हर साल 1 करोड़) को ऑनलाइन टीचिंग, लर्निंग और असेसमेंट सिस्टम (OTLAS) के माध्यम से शिक्षित करना।
- यह प्रणाली NIC, NCERT और NIOS द्वारा विकसित की गई है।
साक्षरता पर सरकार की पहलें:
- समग्र शिक्षा अभियान:
- यह एक समेकित कार्यक्रम है जो प्री-स्कूल से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा को कवर करता है।
- उद्देश्य – समावेशी (inclusive) और समान (equitable) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020:
- इसके तहत राष्ट्रीय मिशन ऑन फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी शुरू किया गया।
- लक्ष्य – सभी प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2025 तक सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और गणन क्षमता (Foundational Literacy & Numeracy) सुनिश्चित करना।
- इसके लिए राज्य-विशिष्ट लक्ष्य और समय-सीमा तय की गई हैं।
- निपुण भारत:
- उद्देश्य – सभी बच्चों को कक्षा 3 तक (2026–27 तक) सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और गणन क्षमता दिलाना।
- यह योजना समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत चलाई जाती है।
- क्रियान्वयन – इसमें पाँच स्तरों की संरचना है: राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर, ब्लॉक स्तर, विद्यालय स्तर
हिमाचल प्रदेश से पहले तीन राज्य साक्षर:
- मिजोरम (2%)
- गोवा (5%) और
- त्रिपुरा (6%)
पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जा चुका है। वहीं, जून 2024 में लद्दाख 97% साक्षरता दर के साथ देश का पहला पूर्ण साक्षर केंद्र शासित प्रदेश बना। शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी ने बताया कि इस वर्ष के अंत तक और 10 राज्यों के पूर्ण साक्षर बनने की संभावना है।