Inauguration of Paramveer Gallery

संदर्भ:
हाल ही में 16 दिसंबर 2025 को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का उद्घाटन किया। यह दीर्घा भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परम वीर चक्र से सम्मानित वीरों के चित्रों को प्रदर्शित करती है।
परमवीर दीर्घा क्या हैं?
- परमवीर दीर्घा राष्ट्रपति भवन में स्थापित एक नवनिर्मित गैलरी है। यह दीर्घा भारत के उन 21 वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र (PVC) से नवाजा गया है।
- परमवीर दीर्घा का प्रमुख उद्देश्य उन सैनिकों की अदम्य वीरता, साहस और आत्मबलिदान को स्थायी स्मृति प्रदान करना है, जिन्होंने युद्धभूमि में राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पित किया।
- यह दीर्घा आगंतुकों को भारत के सैन्य इतिहास, वीरता परंपरा और संविधानिक मूल्यों से जोड़ती है तथा विशेष रूप से युवाओं में देशभक्ति और कर्तव्यबोध को सुदृढ़ करती है।
औपनिवेशिक विरासत से मुक्ति का प्रतीक:
- जिस गलियारे में परमवीर दीर्घा स्थापित की गई है, वहां पहले 96 ब्रिटिश सहायक अधिकारियों (एड्स-डी-कैम्प) के चित्र लगे थे। अब उनकी जगह भारतीय राष्ट्रीय नायकों के चित्र प्रदर्शित हैं।
- यह परिवर्तन औपनिवेशिक मानसिकता से विमुक्ति और स्वदेशी गौरव को पुनर्स्थापित करने का प्रतीक है। यह पहल भारत की संस्कृति, विरासत और आत्मसम्मान को केंद्र में लाने की व्यापक राष्ट्रीय सोच से जुड़ी है।
- परमवीर दीर्घा भारत में चल रही डिकॉलोनाइजेशन प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें राजपथ से कर्तव्य पथ, मुगल गार्डन से अमृत उद्यान, नेवी ध्वज का पुनर्रूपण, तथा द्वीपों के नाम परिवर्तन जैसी पहलें शामिल हैं।
परम वीर चक्र-सर्वोच्च सैन्य सम्मान:
- परम वीर चक्र भारत का सर्वोच्च युद्धकालीन सैन्य सम्मान है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1950 को की गई, जिसे 15 अगस्त 1947 से प्रभावी माना गया।
- यह सम्मान सेना, नौसेना और वायुसेना के सभी रैंकों के कर्मियों को शत्रु के समक्ष असाधारण वीरता के लिए प्रदान किया जाता है।
- अब तक केवल 21 सैनिकों को यह सम्मान प्राप्त हुआ है, जिनमें से 14 वीरों को मरणोपरांत दिया गया।
प्रमुख परम वीर चक्र विजेता:
- मेजर सोमनाथ शर्मा (1947–48) – कश्मीर युद्ध में अद्वितीय साहस; प्रथम परम वीर चक्र विजेता।
- सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल (1971) – बसंतर युद्ध में शौर्य प्रदर्शन।
- कैप्टन विक्रम बत्रा (1999) – कारगिल युद्ध के नायक; “ये दिल मांगे मोर” से अमर।
- फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों (1971) – एकमात्र वायुसेना परम वीर चक्र विजेता।
- वर्तमान में सूबेदार मेजर बाना सिंह, सूबेदार संजय कुमार और सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव जीवित परम वीर चक्र विजेता हैं।
