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भारत-बहरीन एनपीसीआई और बेनेफिट साझेदारी (India-Bahrain NPCI and BENEFIT partnership) | UPSC

India-Bahrain NPCI and BENEFIT partnership

India-Bahrain NPCI and BENEFIT partnership

संदर्भ:

भारत और बहरीन ने डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने बहरीन की प्रमुख फिनटेक कंपनी BENEFIT के साथ साझेदारी की है। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रीयल-टाइम सीमा पार धन हस्तांतरण को सक्षम बनाना है।

साझेदारी का विवरण

  • इस साझेदारी में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को बहरीन के इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम (EFTS) से जोड़ा जाएगा।
  • इसमें Fawri+ सेवा के माध्यम से उपयोगकर्ता कुछ ही सेकंड में भारत और बहरीन के बीच पैसे भेज और प्राप्त कर सकेंगे। 
  • यह समझौता वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहरीन यात्रा के दौरान हुए समझौते की नींव पर आधारित है। जिसके बाद दिसंबर 2024 में हुई चौथी भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग बैठक में इस दिशा में और ठोस निर्णय लिए गए। 
  • यह सहयोग भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और बहरीन के सेंट्रल बैंक (CBB) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है।

साझेदारी से लाभ

  • सिस्टम का लाभ मुख्य रूप से बहरीन में बसे भारतीय समुदाय को मिलेगा, जो वहां की कुल आबादी का लगभग 30 प्रतिशत हैं।
  • इस नई सेवा से भारत-बहरीन के आर्थिक संबंधों में तेजी आएगी। प्रवासी भारतीय अपने परिवारों को तत्काल धन भेज पाएंगे, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी। 
  • इसके साथ ही छोटे व्यवसायों और स्वतंत्र पेशेवरों के लिए भी सीमापार लेनदेन सरल और सुरक्षित बनेंगे।
  • वित्तीय वर्ष 2024-2025 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार लगभग 1.64 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि निवेश स्तर 2 अरब डॉलर से अधिक है। इस पहल से व्यापार और निवेश दोनों में नई ऊर्जा आएगी।

इसका महत्व

  • भारत और बहरीन के बीच यह साझेदारी केवल भुगतान प्रणाली का जोड़ नहीं है, बल्कि यह डिजिटल सहयोग और भरोसे का प्रतीक है।
  • यह भारत की उस नीति को दर्शाती है जिसमें तकनीकी नवाचार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करने पर जोर है। इस पहल से न केवल भारतीय प्रवासी समुदाय को सुविधा मिलेगी, बल्कि भारत की फिनटेक नेतृत्व भूमिका को भी मजबूती मिलेगी।
  • यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन की वैश्विक विस्तार यात्रा में एक और मील का पत्थर है। इससे यह साबित होता है कि भारत अब केवल अपने देश में नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी डिजिटल भुगतान का अग्रणी राष्ट्र बन चुका है।

UPI अंतरराष्ट्रीय

  • एनपीसीआई इंटरनेशनल लगातार यूपीआई को वैश्विक स्तर पर विस्तार दे रहा है। 
  • वर्ष 2025 तक यूपीआई भूटान, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, फ्रांस, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात में स्वीकार किया जा रहा है। आने वाले समय में कतर, थाईलैंड और नामीबिया जैसे देशों में भी यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली लागू की जाएगी। 
  • नामीबिया अफ्रीका का पहला देश होगा जो यूपीआई प्रणाली को अपनाएगा।
  • एनआरआई अब अपने विदेशी मोबाइल नंबर से भी भारत में यूपीआई ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। वहीं विदेशी पर्यटक “UPI One World” सेवा के माध्यम से भारत में यूपीआई से भुगतान कर सकते हैं।

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