India-Bhutan Rail Project
संदर्भ:
भारत और भूटान की सरकारों के बीच सीमा पार रेलवे परियोजनाएं शुरू करने के लिए अहम सहमति बन गई है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बात की घोषणा कर दी है। जानकारी के मुताबिक, ये भारत और भूटान के बीच ऐसी पहली क्रॉस बॉर्डर रेल परियोजना होने जा रही है।
भारत–भूटान रेल परियोजना (कोकराझार–गेलेफू रेल लाइन):
मुख्य तथ्य
- रेल लाइन की लंबाई: कुल लगभग 90 किमी
- कोकराझार से गेलेफू तक 69 किमी
- इसमें से 2.39 किमी भूटान की तरफ होगी।
- कुल मिलाकर लगभग 89 किमी रेलवे नेटवर्क बनाया जाएगा।
- स्टेशनों की संख्या: 6 स्टेशन
- पुल और ब्रिज:
- 2 महत्वपूर्ण पुल
- 29 बड़े पुल
- 65 छोटे पुल
- 1 रोड ओवर ब्रिज (ROB)
- 39 रोड अंडर ब्रिज (RUB)
- समय सीमा: परियोजना 4 वर्षों में पूरी होगी।
- अनुमानित लागत (Estimated Cost): लगभग ₹4033 करोड़
रेल परियोजना का मकसद:
- व्यापारिक संबंध मजबूत करना: भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भूटान का ज्यादातर फ्री ट्रेड भारतीय बंदरगाहों के माध्यम से होता है।
- अर्थव्यवस्था का विकास: परियोजना भूटानी अर्थव्यवस्था के सतत विकास में योगदान देगी।
- बेहतर कनेक्टिविटी और नेटवर्क: भूटानी लोगों को वैश्विक नेटवर्क तक बेहतर और निर्बाध रेल संपर्क प्रदान करना।
- उद्देश्य का सार: इस पूरी परियोजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य व्यापार, कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
भारत–भूटान संबंध: रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी–
- कूटनीतिक संबंध
- औपचारिक कूटनीतिक संबंध:1968 में स्थापित।
- नींव:1949 की मैत्री और सहयोग संधि, जिसे 2007 में संशोधित किया गया।
- विकास सहयोग
- भारत भूटान का प्रमुख विकास सहयोगी है।
- सहयोग की योजना:वार्षिक योजना वार्ता (Plan Talks) के माध्यम से तय।
- सहयोग के क्षेत्र: बुनियादी ढाँचा, सड़क, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी।
- हाई इम्पैक्ट प्रोजेक्ट्स:
- पेयजल आपूर्ति नेटवर्क
- सिंचाई नहरें
- ग्रामीण सड़कें
- प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयाँ
- अन्य ग्रामीण अवसंरचना
- भारतप्रत्यक्ष बजटीय सहायता भी प्रदान करता है।
भारत–भूटान वार्षिक व्यापार (Annual Trade)
- 2024–25 में व्यापार:लगभग $1.78 अरब
- भारत का महत्व:
- भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
- भूटान के कुल व्यापार का लगभग80% भारत के साथ होता है