India first indigenous high-precision diode laser
संदर्भ:
भारत ने क्वांटम प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। नेशनल क्वांटम मिशन (NQM) के सहयोग से विकसित स्वदेशी हाई-प्रिसिजन और कॉम्पैक्ट डायोड लेज़र भविष्य की क्वांटम अर्थव्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
स्वदेशी हाई-प्रिसिजन डायोड लेज़र क्या हैं?
भारत द्वारा विकसित यह हाई-प्रिसिजन कॉम्पैक्ट डायोड लेज़र एक अत्याधुनिक स्वदेशी क्वांटम-ग्रेड उपकरण है, जिसे Prenishq Pvt Ltd (IIT Delhi स्पिन-ऑफ़) ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के समर्थन से तैयार किया है। यह लेज़र क्वांटम एन्क्रिप्टेड संचार, फोटॉनिक क्वांटम कंप्यूटिंग, शिक्षा और उच्च वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग होने वाली सटीक रोशनी उत्पन्न करता है। यह भारत को क्वांटम तकनीक में आयात-निर्भरता से मुक्त कर आत्मनिर्भर क्षमता देने की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति दर्शाता है।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ:
यह लेज़र उच्च सटीकता, स्थिरता और विस्तृत वेवलेंथ रेंज के साथ एक कॉम्पैक्ट, ऊर्जा-कुशल और प्लग-एंड-प्ले वैज्ञानिक उपकरण है।
- वाइड वेवलेंथ रेंज – UV से Near-IR तक संचालन
- उच्च बीम गुणवत्ता और पावर स्थिरता
- तापमान-नियंत्रित संचालन और ऊर्जा दक्षता
- फ्री-स्पेस एवं फाइबर-कपल्ड आउटपुट विकल्प
- कम लागत, छोटा आकार, कम मेंटेनेंस
इसका राष्ट्रीय व वैश्विक महत्व:
स्वदेशी हाई-प्रिसिजन लेज़र भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकी की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत आधार प्रदान करता है। यह वित्तीय सुरक्षा के लिए क्वांटम-सुरक्षित लेनदेन, वैज्ञानिक अनुसंधान में आत्मनिर्भरता, रणनीतिक क्षेत्रों में तकनीकी श्रेष्ठता और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को उच्च मूल्य वाली डीप-टेक दिशा में आगे बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM):
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (2023–2031) भारत सरकार की एक रणनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, मेट्रोलॉजी, क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग, और क्वांटम सेंसिंग जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर की क्षमता विकसित करना है। इसका लक्ष्य भारत को 2031 तक क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अग्रणी देशों की श्रेणी में स्थापित करना है।
- मुख्य उद्देश्य – क्वांटम कंप्यूटिंग, सेंसिंग और संचार में क्षमता विकास
- चार थीमैटिक वर्टिकल – क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सामग्री, क्वांटम सेंसिंग
- आर्थिक पैकेज – लगभग ₹6000+ करोड़ का राष्ट्रीय निवेश
- अनुसंधान अवसंरचना – क्वांटम प्रयोगशालाओं, हब और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
- स्टार्टअप, IITs, IISERs और उद्योग सहयोग – स्वदेशी उपकरण व तकनीक निर्माण

