India plans global expansion in the port sector
संदर्भ:
भारत वैश्विक स्तर पर अपने बंदरगाह बुनियादी ढांचे और प्रबंधन क्षमताओं के रणनीतिक विस्तार की दिशा में अग्रसर है। ईरान के चाबहार बंदरगाह और अपने आस-पास के क्षेत्रों में सफल साझेदारी के बाद, भारत अब अफ्रीकी देशों में भी बंदरगाहों या बर्थ संचालन के अवसर तलाश रहा है।
भारत–तंजानिया समुद्री सहयोग:
- महत्वपूर्ण समझौते (MoUs):
- भारत और तंजानिया ने समुद्री और बंदरगाह अवसंरचना के विकास पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) और Tanzania Investment Centre के बीच तंजानिया में इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने हेतु समझौता।
- कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और Marine Services Co. Ltd (तंजानिया की कंपनी) के बीच समुद्री उद्योग में सहयोग के लिए MoU।
- तंजानिया में भारतीय बंदरगाह विस्तार:
- JNPA द्वारा स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) या इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण की योजना।
- तंजानिया के प्रमुख बंदरगाह: दार एस सलाम, म्तवारा, टांगा (Indian Ocean पर)।
- भारत अफ्रीकी देशों, विशेषकर तंजानिया, में समुद्री क्षमताओं का विस्तार करना चाहता है।
- अडानी पोर्ट्स की भूमिका:
- अडानी पोर्ट्स वर्तमान में दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल नंबर 2 का संचालन कर रहा है (30 वर्ष की रियायत पर)।
- अडानी पोर्ट्स का संयुक्त उद्यम – East Africa Gateway Limited, जिसने Tanzania International Container Terminal Services में 95% हिस्सेदारी हासिल की।
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चाबहार पोर्ट पर भारत की रणनीतिक प्रगति:
- चाबहार पोर्ट में भारत की भूमिका:
- भारत, India Ports Global Ltd (IPGL) के माध्यम से शहीद बेहेश्ती टर्मिनल का संचालन करता है।
- यह पोर्ट अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापार के लिए एक रणनीतिक द्वार है।
- International North-South Transport Corridor (INSTC) में भारत की भागीदारी के लिए महत्वपूर्ण।
- कंटेनर हैंडलिंग क्षमता:
- FY23: केवल 9,126 TEUs।
- FY24 (जनवरी तक): 64,245 TEUs।
- FY25 लक्ष्य: 75,000 TEUs।
- FY26 तक: 100,000 TEUs (पूर्ण क्षमता)।
- अगले 10 वर्षों में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य: 500,000 TEUs।
- आगामी योजनाएँ:
- ₹4,000 करोड़ पूंजीगत निवेश (Capex) से विस्तार की योजना।
- लगभग 5 मोबाइल हार्बर क्रेनों के ऑर्डर दिए गए हैं।
- भारतीय शिपिंग कंपनियाँ जल्द चाबहार से सीधे संचालन शुरू कर सकती हैं।
Neighbourhood Engagement: भारत की बंदरगाह कूटनीति:
- म्यांमार – सित्तवे पोर्ट (Sittwe Port):
- India Ports Global Ltd (IPGL) द्वारा संचालन किया जा रहा है।
- यह कलादान मल्टी–मॉडल प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
- पूर्वोत्तर भारत को दक्षिण–पूर्व एशिया से जोड़ने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण।
- श्रीलंका – दोहरी पहल:
- कांकसंतुरई पोर्ट (Kankesanthurai Port) का विकास प्रगति पर है।
- भारत-श्रीलंका के बीच फेरी सेवाएँ पुनः आरंभ की गई हैं, जिससे सांस्कृतिक और आर्थिक संपर्क को बल मिलेगा।
- Adani Ports & SEZ (APSEZ) ने Colombo West International Terminal (CWIT) पर संचालन शुरू किया है – यह महत्वपूर्ण ट्रांसशिपमेंट हब है।
निष्कर्ष: भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ समुद्री सहयोग को मज़बूत कर रहा है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार, और रणनीतिक गहराई को बढ़ावा देता है।