India re-elected to the UNESCO Executive Board

संदर्भ:
भारत को 2025–2029 अवधि के लिए पुनः यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड (UNESCO Executive Board) का सदस्य चुना गया है। यह बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता, शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान, संचार और सूचना के क्षेत्रों में भारत की निरंतर सक्रिय भूमिका में विश्वास को दर्शाता है।
यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड का परिचय:
यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड संगठन के तीन प्रमुख संवैधानिक इकाइयों में से एक है, जिसका कार्य यूनेस्को के कार्यक्रमों और बजट के क्रियान्वयन की निगरानी करना है। बोर्ड का मुख्य उद्देश्य संगठन को प्रभावी, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाए रखना है, ताकि शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति तथा संचार संबंधी वैश्विक पहलों का सुचारू रूप से संचालन हो सके।
- संरचना और कार्यकाल: कार्यकारी बोर्ड में 58 सदस्य राष्ट्र शामिल होते हैं, जिन्हें सामान्य सम्मेलन द्वारा चार वर्षों के लिए चुना जाता है। प्रत्येक चयनित राष्ट्र एक प्रतिनिधि (Representative) तथा आवश्यकता अनुसार वैकल्पिक प्रतिनिधि (Alternates) नियुक्त करता है। यूनेस्को के छह निर्वाचन समूह जैसे कि एशिया-प्रशांत, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, यूरोप भू-राजनीतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। बोर्ड आमतौर पर दो वर्षीय चक्र में कम से कम चार नियमित सत्र आयोजित करता है, जिनमें से प्रत्येक सत्र लगभग दो से तीन सप्ताह तक चलता है।
- चुनाव प्रक्रिया: यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड का निर्वाचन General Conference (यूनेस्को की सर्वोच्च नीति-निर्माण सभा) द्वारा किया जाता है। प्रत्येक निर्वाचन समूह के लिए निश्चित संख्या में सीटें निर्धारित होती हैं ताकि क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व में समानता बनी रहे। मतदान प्रक्रिया गोपनीय मत (Secret Ballot) के माध्यम से होती है। चुने गए देश अपने प्रतिनिधि को नामित करते हैं और बोर्ड अपने सदस्यों में से अध्यक्ष (Chairperson) का चुनाव करता है। वर्तमान अध्यक्ष H.E. Nasser Hamad Hinzab हैं।
यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड के कार्य एवं जिम्मेदारियाँ:
- कार्यकारी बोर्ड, सामान्य सम्मेलन के अधिकार के अंतर्गत कार्य करते हुए, यूनेस्को की नीतियों, कार्यक्रमों और बजट का समीक्षण, मूल्यांकन और क्रियान्वयन सुनिश्चित करता है।
- संगठन के कार्यक्रमों और बजट प्रस्तावों की समीक्षा करता है।
- महासम्मेलन द्वारा स्वीकृत नीतियों के क्रियान्वयन की निगरानी करता है।
- UNESCO के महानिदेशक (Director-General) के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- सचिवालय की संरचना, वरिष्ठ स्तर की नियुक्तियाँ तथा विभिन्न सहयोग आयोगों का गठन (जैसे PX Commission, FA Commission) करता है।
- वैश्विक शिक्षा नीति, सांस्कृतिक विरासत संरक्षण, वैज्ञानिक सहयोग और मीडिया स्वतंत्रता से संबंधित यूनेस्को की रणनीतियों को सक्षम करता है।
यूनेस्को में भारत की भूमिका:
भारत UNESCO का संस्थापक सदस्य है और लंबे समय से इसके एजेंडा—विशेषकर शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान, विश्व धरोहर संरक्षण, और विकासशील देशों की क्षमता-वृद्धि—में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है।
- भारत को यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड के लिए वर्ष 2021-25 के लिए निर्वाचित किया गया था। 2025 में भारत का पुन: निर्वाचन होना उसकी बढ़ती वैश्विक भूमिका और सॉफ्ट पावर कूटनीति का महत्वपूर्ण संकेत है।
- भारत यूनेस्को के विविध क्षेत्रों—विद्यालयी शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण, विश्व धरोहर प्रबंधन, विज्ञान सहयोग, और सूचना पारदर्शिता—में सक्रिय योगदान देता रहा है।
- भारत की प्रमुख पहलें जैसे—UNESCO-Mahatma Gandhi Institute of Education for Peace, UNESCO काठमांडू और जकार्ता गतिविधियाँ, तथा दक्षिण एशिया में सांस्कृतिक विरासत परियोजनाएँ—भारत के व्यापक योगदान को रेखांकित करती हैं।
- 2025–29 के कार्यकाल में भारत वैश्विक दक्षिण (Global South) के हितों, शिक्षा में समानता, डिजिटल विभाजन कम करने, सांस्कृतिक विविधता संरक्षण और ओपन साइंस पहलों को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर देगा। यह पुन: निर्वाचन भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सक्रिय भागीदारी का परिचायक है।
