India Russia discuss rare earth mineral extraction
India Russia discuss rare earth mineral extraction –
संदर्भ:
भारत और रूस ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को एक बार फिर मजबूती देते हुए औद्योगिक सहयोग, विशेष रूप से दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और महत्वपूर्ण संसाधनों के निष्कर्षण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया है। यह पहल ऐसे समय में सामने आई है जब अमेरिका द्वारा भारत के रूस के साथ तेल व्यापार को लेकर दबाव बढ़ाया जा रहा है।
रणनीतिक खनिज सहयोग के लिए कार्य समूह ढांचा:
भारत–रूस सहयोग की पृष्ठभूमि:
- यह चर्चा भारत-रूस वर्किंग ग्रुप ऑन मॉडर्नाइजेशन एंड इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन की बैठक के दौरान हुई।
- यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग ढांचे के तहत आयोजित की गई।
- यह एक संस्थागत तंत्र (institutional mechanism) है, जो कई औद्योगिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देता है।
स्वच्छ ऊर्जा के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals):
इन खनिजों का महत्व:
- कॉपर (तांबा), लिथियम, निकल, कोबाल्ट और रेयर अर्थ्स जैसे खनिज:
- स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (Clean Energy Technologies) के लिए अति आवश्यक कच्चे पदार्थ हैं।
प्रमुख उपयोग:
- इनका उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में होता है:
- पवन टरबाइन (Wind Turbines)
- बिजली नेटवर्क (Electricity Networks)
- इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles)
- बैटरी निर्माण (Battery Manufacturing)
भारत के लिए रणनीतिक महत्व: यह सहयोग भारत के ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) लक्ष्यों की दिशा में रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
चीन पर अत्यधिक निर्भरता:
- चीन वैश्विक REE आपूर्ति का 85%–95% नियंत्रित करता है।
- हाल ही में चीन द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों के कारण:
- भारत के ऑटोमोबाइल उत्पादन में रुकावट आई।
- आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) की कमजोरियाँ उजागर हुईं।
भारत–रूस की रणनीतिक पहलें:
- संयुक्त उपक्रम (Joint Ventures) की खोज:
- दुर्लभ पृथ्वी और महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) कीखान व निष्कर्षण (Mining & Extraction) में साझेदारी।
- भूमिगत कोयला गैसीकरण (Underground Coal Gasification):
- आधुनिकऔद्योगिक अवसंरचना (Industrial Infrastructure) पर विशेष ध्यान।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (Technology Transfer):
- खनन उपकरणों (Mining Equipment) औरखनिज अन्वेषण (Exploration) में
- क्षमता निर्माण (Capacity Building) को बढ़ावा देना।
वैश्विक व्यापार परिवर्तनों के बीच रणनीतिक समय :
यह बैठक ऐसे समय हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर उच्च टैरिफ (High Tariffs) लगाने की घोषणा की।
- इस कदम ने भारत की वैश्विक आर्थिक साझेदारियों में विविधता लाने (diversify economic partnerships) की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।
भारत–रूस सहयोग का महत्व: इस संदर्भ में भारत–रूस सहयोग:
- रणनीतिक खनिज संसाधनोंतक पहुंच सुनिश्चित करने में सहायक है।
- औद्योगिक सहयोगके नए अवसर खोलता है।
- भारत को विकल्प आधारित रणनीतिक साझेदारियाँ विकसित करने में मदद करता है।