India-UK Vision 2035
संदर्भ:
भारतीय प्रधानमंत्री की लंदन यात्रा के दौरान भारत–यूके विज़न 2035 रोडमैप का अनावरण किया गया और समग्र आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) — एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) — को औपचारिक रूप दिया गया। इस ऐतिहासिक पहल का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर से ऊपर ले जाना है, जिससे भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई गति और गहराई मिलेगी।
India–UK Vision 2035: प्रमुख विशेषताएं–
- व्यापार और आर्थिक सहयोग:
- Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA) केंद्र में है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना और नौकरियाँ उत्पन्न करना है।
- Joint Economic and Trade Committee (JETCO) इस समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।
- Bilateral Investment Treaty (BIT) को आगे बढ़ाने की योजना है।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार:
- Technology Security Initiative के अंतर्गत अगली पीढ़ी की तकनीकों (AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, टेलीकॉम, क्रिटिकल मिनरल्स) पर संयुक्त अनुसंधान।
- रक्षा सहयोग:
- 10 वर्षीय रक्षा औद्योगिक रोडमैप पर सहमति जिसमें संयुक्त अनुसंधान और निर्माण शामिल है:
- जेट इंजन तकनीक
- समुद्री सुरक्षा
- निर्देशित ऊर्जा हथियार
- Indian Ocean Region में UK भारत पर लॉजिस्टिक सहयोग हेतु निर्भर करेगा।
- Indo-Pacific Oceans’ Initiative (IPOI) के तहत Regional Maritime Security Centre of Excellence (RMSCE) की स्थापना हेतु सहयोग।
- जलवायु और स्थिरता:
- ग्रीन फाइनेंस को जुटाने, ऑफशोर विंड और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी में सहयोग।
- ग्रीन गुड्स की संयुक्त सप्लाई चेन का निर्माण।
- International Solar Alliance और Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI) जैसे मंचों के माध्यम से सहयोग।
- शिक्षा और कौशल:
- UK भारत में विश्वविद्यालय परिसरों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगा।
- Mutual Recognition of Qualifications पर जोर।
- Green Skills Partnership के जरिए जलवायु-आधारित रोजगार सृजन।
- वैश्विक शासन: बहुपक्षीयता को बढ़ावा और संयुक्त राष्ट्र, WTO, IMF, वर्ल्ड बैंक जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार हेतु साझा समर्थन।
भारत–ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA): मुख्य विशेषताएँ
- शुल्क–मुक्त बाज़ार पहुंच:
- भारत को ब्रिटेन के बाज़ार में99% उत्पादों पर शुल्क–मुक्त पहुंच मिलेगी।
- इससेश्रम–प्रधान क्षेत्रों को विशेष लाभ होगा, जैसे: वस्त्र उद्योग (Textiles), चमड़ा (Leather), समुद्री उत्पाद (Marine Products), इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन, ऑटो पार्ट्स
- भारत द्वारा आयात शुल्क में कटौती: भारत90% टैरिफ लाइनों (Tariff Lines) पर शुल्क घटाएगा या समाप्त करेगा, जो कि ब्रिटेन से होने वाले 92% आयात को कवर करता है। इसमें शामिल हैं: कारें, शराब जैसे हाई-वैल्यू उत्पाद
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर राहत:
- भारत6वें वर्ष में ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क समाप्त करेगा।
- GBP 40,000 (लगभग ₹42 लाख) से कम कीमत के EVsपर कोई ड्यूटी नहीं लगेगी।
- सेवाओं के क्षेत्र में अवसर
- भारतीय पेशेवरों और कंपनियों कोIT, वित्तीय सेवाएं, शिक्षा आदि क्षेत्रों में बाजार तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
- विसा प्रक्रियाओं को सरलकिया जाएगा, विशेष रूप से: इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, हॉस्पिटैलिटी
- डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन
- इस व्यवस्था के तहत, 3 वर्षों तक भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं को ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी।
- इससेभारतीय प्रतिभा की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
- समावेशी और टिकाऊ विकास (Inclusive Growth)
- इस समझौते सेमहिलाओं, युवाओं, MSMEs, किसानों और नवप्रवर्तकों (Innovators) को वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं (Global Value Chains) में शामिल करने का अवसर मिलेगा।
- सतत विकासको बढ़ावा मिलेगा।
- कृषि निर्यात को बढ़ावा
- भारतीय प्रोसेस्ड फूड, खाद्य तेल, समुद्री खाद्य आदि पर टैरिफ में कटौती की जाएगी।
- इससे भारत से ब्रिटेन को कृषि निर्यात को बल मिलेगा।