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भारत-वियतनाम संयुक्त सैन्य अभ्यास विनबेक्स 2025 (India-Vietnam joint military exercise Winbex 2025) | UPSC

India-Vietnam joint military exercise Winbex 2025

India-Vietnam joint military exercise Winbex 2025

संदर्भ

11 नवम्बर 2025 को हनोई, वियतनाम में भारत-वियतनाम संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘विनबैक्स 2025’ (VINBAX 2025) का शुभारंभ हुआ। इस उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह और वियतनाम की पीपुल्स आर्मी के डिप्टी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल फुंग सी तान ने की।

VINBAX अभ्यास 2025 का परिचय

  • ‘विनबैक्स’ (VINBAX) भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र (UN) शांति मिशनों में सहयोग, पारस्परिक सामंजस्य (inter-operability) और सर्वोत्तम सैन्य प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है। 
  • यह अभ्यास दोनों सेनाओं की इंजीनियर, चिकित्सा, और खोज एवं बचाव (Search and Rescue) क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिए आयोजित किया जाता है।
  • वर्ष 2025 का संस्करण वियतनाम के नेशनल मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर-4, हनोई में 18 दिनों तक चलेगा, जिसमें लगभग 300 सैन्यकर्मी भाग ले रहे हैं।
  • इस वर्ष दोनों देशों के बीच यह छठा संस्करण आयोजित किया जा रहा है।

उद्देश्य और प्रमुख लक्ष्य

  1. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की तैयारी: अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं को संयुक्त राष्ट्र मिशनों में प्रभावी रूप से भाग लेने के लिए प्रशिक्षित करना है।
  2. मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR): अभ्यास के परिदृश्य UN के मानकों पर आधारित हैं और इनमें आपदा प्रबंधन, राहत आपूर्ति, और मानवीय सहायता के व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल हैं।
  3. पारस्परिक समझ और सहयोग: सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेल प्रतियोगिताओं और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से दोनों देशों के सैनिकों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
  4. क्षमता निर्माण: यह अभ्यास भारत और वियतनाम दोनों की सैन्य इंजीनियरिंग और चिकित्सा क्षमताओं को उन्नत बनाने में मदद करेगा, ताकि वे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • ‘विनबैक्स’ अभ्यास की शुरुआत 2018 में हुई थी और यह हर वर्ष वैकल्पिक रूप से भारत और वियतनाम में आयोजित किया जाता है।
  • वर्ष 2024 में इसका आयोजन भारत में किया गया था, जिसमें द्विपक्षीय सैन्य साझेदारी की दिशा में ठोस नींव रखी गई।

रणनीतिक महत्व

  1. भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ को सशक्त बनाना: यह अभ्यास भारत की ‘Act East Policy’ और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को गहराई देने का प्रतीक है।
  2. क्षेत्रीय शांति और स्थिरता: दोनों देशों का यह अभ्यास दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को मजबूत करने में सहायक है।
  3. संयुक्त रक्षा साझेदारी: भारत-वियतनाम रक्षा संबंध केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं हैं; वे नौसैनिक सहयोग, हथियार प्रणालियों के आदान-प्रदान और रक्षा अनुसंधान में भी विस्तृत हैं।
  4. UN शांति अभियानों में सहयोग: दोनों देश UN मिशनों में सक्रिय भागीदार हैं, और यह अभ्यास उन्हें संयुक्त ऑपरेशनों में अधिक समन्वित बनाता है।
  5. मानवीय मूल्यों का प्रसार: यह अभ्यास मानवीय सहायता, आपदा प्रबंधन और शांति स्थापना के साझा मूल्यों को मजबूत करता है।

भारत-वियतनाम संबंध (India–Vietnam Relations)

  • ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध: भारत और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक संबंध दो हजार वर्षों से चले आ रहे हैं। भारतीय सभ्यता, बौद्ध धर्म और संस्कृत का प्रभाव वियतनाम के मंदिरों, मूर्तिकला और भाषा में स्पष्ट दिखाई देता है। चंपा साम्राज्य के दौरान भारत से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का स्वर्ण काल था।
  • राजनयिक और राजनीतिक सहयोग: दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 7 जनवरी 1972 को स्थापित हुए थे। भारत वियतनाम के स्वतंत्रता संघर्ष में उसके साथ खड़ा रहा और आज दोनों देश रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) से आगे बढ़कर व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership – 2016) का हिस्सा हैं।
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग: रक्षा क्षेत्र भारत-वियतनाम संबंधों का प्रमुख स्तंभ है। भारत वियतनाम को सैन्य प्रशिक्षण, नौसैनिक सहयोग और रक्षा उपकरण उपलब्ध कराता है। भारत ने 2016 में वियतनाम को 500 मिलियन डॉलर की रक्षा ऋण सहायता (Defence Line of Credit) भी प्रदान की है। दोनों देश दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन के पक्षधर हैं।
  • आर्थिक और व्यापारिक संबंध: भारत और वियतनाम आसियान (ASEAN) और मेकांग-गंगा सहयोग (MGC) के तहत महत्वपूर्ण साझेदार हैं। वर्ष 2024-25 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 15 अरब डॉलर तक पहुंच गया। जिसमें प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र: दवाएं, कृषि उत्पाद, समुद्री खाद्य, मशीनरी, आईटी सेवाएं, और पेट्रोकेमिकल्स है।
  • क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग: दोनों देश इंडो-पैसिफिक रणनीति, क्वाड सहयोगी देशों के साथ साझा दृष्टिकोण रखते हैं। वियतनाम भारत का ASEAN में प्रमुख रणनीतिक सहयोगी है। संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन (WTO) और G77 जैसे मंचों पर दोनों देशों की नीतियां अक्सर एक जैसी होती हैं।

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