India votes in favour of Palestine’s statehood at UN
संदर्भ:
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और दो-राज्य समाधान के कार्यान्वयन से जुड़े ‘न्यूयॉर्क घोषणा’ का समर्थन करते हुए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
न्यूयॉर्क घोषणा:
- प्रस्ताव पेश किया: फ्रांस ने
- मतदान परिणाम:
- पक्ष में: 142 देश
- विरोध में: 10 देश (जैसे अर्जेंटीना, हंगरी, इज़रायल और अमेरिका)
- अनुपस्थित/परहेज़: 12 देश
घोषणा के मुख्य बिंदु:
- गाज़ा युद्ध को समाप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई पर सहमति।
- इज़रायल-फिलिस्तीन विवाद का न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान लाने पर ज़ोर।
- यह समाधान दो–राष्ट्र सिद्धांत (Two-State Solution) पर आधारित होगा।
- इससे फिलिस्तीनियों, इज़रायलियों और पूरे क्षेत्र के लिए बेहतर भविष्य बनाने का लक्ष्य।
- इज़रायली नेतृत्व से अपील की गई कि वे:
- दो-राष्ट्र सिद्धांत के प्रति स्पष्ट सार्वजनिक प्रतिबद्धता जताएँ।
- एक संप्रभु और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य को स्वीकार करें।
भारत का रुख: इज़रायल–फिलिस्तीन संघर्ष
ऐतिहासिक मान्यता
- 1974: भारत, फिलिस्तीन मुक्ति संगठन को मान्यता देने वाला पहला ग़ैर–अरब देश।
- 1988: भारत, फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने वाले पहले देशों में शामिल।
फिलिस्तीन राज्य का समर्थन:
- भारत दो–राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है – इज़रायल और फिलिस्तीन का सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।
- पूर्वी यरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी मानने का समर्थन (UN प्रस्तावों के अनुसार)।
- फिलिस्तीन की सदस्यता को अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (जैसे UNESCO, UNGA) में समर्थन।
उच्चस्तरीय यात्राएँ:
- 2015: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फिलिस्तीन का दौरा किया (पहली बार किसी भारतीय राष्ट्रपति की यात्रा)।
- 2018: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन की ऐतिहासिक यात्रा की (पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीन का दौरा किया)।
विकास सहयोग:
- भारत ने फिलिस्तीन को अब तक लगभग 141 मिलियन अमेरिकी डॉलर की विकास सहायता दी।
- IBSA फंड के तहत फिलिस्तीन में 4 परियोजनाएँ (~5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) चलाई गईं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका:
- दोनों पक्षों की हिंसा और आतंकवाद की निंदा।
- गाज़ा को मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बल।
- संघर्ष का कूटनीतिक और शांतिपूर्ण समाधान ज़रूरी।
संतुलित दृष्टिकोण:
- पिछले तीन दशकों में भारत-इज़रायल संबंध (रक्षा, कृषि, नवाचार) मज़बूत हुए।
- फिर भी भारत ने फिलिस्तीन के प्रति अपने ऐतिहासिक और सिद्धांत आधारित समर्थन को बरकरार रखा।
- भारत की स्थिति को कहा जाता है: “फिलिस्तीन के लिए सैद्धांतिक समर्थन, इज़रायल के साथ व्यावहारिक साझेदारी।”