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अंटार्कटिका में भारत के अनुसंधान केंद्र (Indian research stations in Antarctica) | Apni Pathshala

Indian research stations in Antarctica

Indian research stations in Antarctica

संदर्भ:

भारत ने अपना पहला सीधे हवाई कार्गो मिशन अंटार्कटिका के लिए सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसमें रूसी Ilyushin Il-76 विमान का उपयोग किया गया। इस ऐतिहासिक उड़ान ने भारत के अनुसंधान केंद्रों भारती और मैत्री तक 18 टन आवश्यक आपूर्ति और वैज्ञानिक उपकरण पहुँचाए, जो देश के ध्रुवीय अनुसंधान लॉजिस्टिक्स में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

अंटार्कटिका में भारत के अनुसंधान केंद्र और महत्व:

भारत के अनुसंधान केंद्र: अंटार्कटिका में भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्र हैं:

  1. दक्षिण गंगोत्री (1983)
    • भारत का पहला अंटार्कटिक केंद्र।
    • अब बर्फ में दब जाने के कारण सक्रिय नहीं है।
    • आपूर्ति आधार के रूप में उपयोग।
  2. मैत्री (1988-89)
    • दूसरा स्थायी केंद्र।
    • पूर्वी अंटार्कटिका के शिरमाकर ओएसिस में स्थित।
    • पास में प्रियदर्शिनी झील, मीठे पानी का स्रोत।
  3. भारती (2012)
    • तीसरा केंद्र, आधुनिक सुविधाओं के साथ।
    • लार्समैन हिल्स के पास स्थित।
    • जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय अध्ययन के लिए अत्याधुनिक केंद्र।

अंटार्कटिक संधि (Antarctic Treaty):

  • स्थापना: 1959, अंतर्राष्ट्रीय भूभौतिकीय वर्ष (1957-58) में।
  • सदस्य देश: वर्तमान में 57, भारत 1983 से शामिल।
  • मुख्य प्रावधान:
  1. शांतिपूर्ण उपयोग (अनुच्छेद I)
  2. वैज्ञानिक सहयोग (अनुच्छेद II)
  3. जानकारी साझा करना (अनुच्छेद III)

नई अनुसंधान स्टेशन योजना (2029):

  • मैत्री स्टेशन अब पुराना हो चुका है।
  • नए स्टेशन का निर्माण जनवरी 2029 तक पूरा होने की उम्मीद।
  • प्रारंभिक स्थलाकृतिक सर्वेक्षण शुरू।

भारत के लिए महत्व:

  1. ऊर्जा और खनिज संसाधन: अंटार्कटिका में संवहनीय संसाधनों का अध्ययन।
  2. जलवायु परिवर्तन अनुसंधान: हिमालय और हिंद महासागर पर प्रभाव का अध्ययन।
  3. अंतरिक्ष तकनीक परीक्षण: कठोर परिस्थितियों में लैंडर, रॉकेट और रिमोट सेंसिंग परीक्षण।
  4. समुद्री और ध्रुवीय क्षमता विकास: नौवहन और आइसब्रेकर संचालन में अनुभव।
  5. जैवपूर्वेक्षण: सूक्ष्मजीव, एंजाइम और जैव-सक्रिय यौगिकों का पता लगाना, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि में उपयोग।

अंटार्कटिका के बारे में जानकारी:

सामान्य परिचय:

  • अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे दक्षिणी महाद्वीप है।
  • अत्यधिक ठंडा, शुष्क और तेज़ हवाओं वाला क्षेत्र।
  • लगभग 98% क्षेत्र बर्फ की मोटी चादर से ढंका, जिसमें विश्व के 70% मीठे पानी का भंडार है।
  • कोई स्थायी मानव आबादी नहीं रहती; वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सुरक्षित क्षेत्र।

भूगोल और जलवायु:

  • बर्फ का रेगिस्तान: वर्षा बहुत कम, तकनीकी रूप से ध्रुवीय रेगिस्तान।
  • ऊँचाई और तापमान: औसत ऊँचाई 2,200 मीटर; न्यूनतम तापमान −2°C।
  • महाद्वीप विभाजन: ट्रांसअंटार्कटिक पर्वत श्रृंखला द्वारा पूर्व और पश्चिम अंटार्कटिका।
  • विशेष प्रकाश चक्र: गर्मियों में लगातार दिन, सर्दियों में लगभग पूर्ण अंधकार।

वन्यजीवन:

  • समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र: क्रिल, व्हेल, सील, पेंगुइन और मछलियाँ प्रमुख।
  • प्रमुख प्रजातियाँ: एम्परर पेंगुइन, एडेली पेंगुइन, लेपर्ड सील, विभिन्न व्हेल।
  • कोई सरीसृप नहीं: अत्यधिक ठंड के कारण।

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