INS Androth
संदर्भ:
भारतीय नौसेना 6 अक्टूबर 2025 को विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में अपनी दूसरी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) INS Androth को कमीशन किया।
INS Androth: प्रमुख विशेषताएँ और क्षमताएँ
- डिज़ाइन और प्रणोदन:
- लंबाई: 6 मीटर
- वाटरजेट प्रणोदन प्रणाली और तीन मरीन डीज़ल इंजनों से संचालित, जो इसे लिटोरल (किनारे के पास) संचालन के लिए उच्च चुस्ती प्रदान करती है।
- स्थानीय सामग्री (Indigenous Content):
- Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित।
- 80% से अधिक स्थानीय सामग्री का उपयोग, जिसमें विशेष ग्रेड की स्टील Steel Authority of India Limited (SAIL) द्वारा आपूर्ति की गई।
- यह भारत के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के अनुरूप है।
- हथियार प्रणाली (Armament):
- इंडिजिनस रॉकेट लॉन्चर (IRL)
- हल्के टॉरपीडो
- 30mm नौसैनिक सतही तोप
- माइन–लेइंग रेल्स
- नामकरण (Naming):
- जहाज का नाम लक्षद्वीप के अंड्रोथ द्वीप पर रखा गया है, जो इसकी रणनीतिक और ऐतिहासिक समुद्री महत्व को दर्शाता है।
- यह पूर्व INS Androth कोरवेट की विरासत को सम्मानित करता है, जिसने 27 वर्षों से अधिक समय तक देश की सेवा की।
- क्षमताएँ (Capabilities):
- प्राथमिक रूप से एंटी–सबमरीन मिशन के लिए सक्षम।
- अतिरिक्त मिशन: समुद्री निगरानी, खोज और बचाव (SAR) संचालन, और तटीय सुरक्षा।