International Civil Aviation Organization
संदर्भ:
भारत को अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) की पार्ट II काउंसिल में पुनः निर्वाचित किया गया है। ICAO, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है, और पार्ट II उन देशों से मिलकर बनती है जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक हवाई नेविगेशन सुविधाओं के विकास और संचालन में सबसे बड़ा योगदान देते हैं।
अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) क्या है?
परिचय:
अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है, जो वैश्विक नागरिक विमानन में सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देती है। यह अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को सुरक्षित, संरक्षित और टिकाऊ बनाने के लिए एक ढांचा प्रदान करती है।
स्थापना और मुख्यालय:
- वर्ष: 1944, शिकागो कन्वेंशन के तहत
- मुख्यालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा
- सदस्यता: 193 देश
लक्ष्य:
- अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन मानकों का विकास और समन्वय
- सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक विमानन के न्यायसंगत विकास को सुनिश्चित करना
- सभी देशों के लिए समान हवाई संपर्क और समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देना
मुख्य कार्य:
- मानक निर्धारण: SARPs (Standards and Recommended Practices) का निर्माण
- सुरक्षा निरीक्षण: Global Aviation Safety Plan (GASP) का कार्यान्वयन
- हवाई नेविगेशन दक्षता: अवसंरचना और क्षमता में सुधार
- सुरक्षा एवं सुविधा: विमानन और सीमा सुरक्षा को मजबूत करना
- आर्थिक विकास: समन्वित वायु परिवहन ढांचे का समर्थन
- पर्यावरण संरक्षण: टिकाऊ विमानन ईंधन और जलवायु के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा
भारत और ICAO: भारत ICAO का स्थापना सदस्य (1944) है और लगातार 81 वर्षों से काउंसिल में उपस्थित रहा है। देश न केवल नीति, नियमावली और विमानन मानकों में सक्रिय योगदान देता रहा है, बल्कि सुरक्षा, नवाचार और वैश्विक समान हवाई कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बार-बार दोहराता रहा है।
भारत का ICAO में योगदान –
- स्थापना सदस्य:
- भारत ICAO का स्थापना सदस्य है और 1944 के शिकागो कन्वेंशन से सक्रिय भागीदार रहा है।
- ICAO मुख्यालय में भारत का स्थायी प्रतिनिधिमंडल मौजूद है।
- काउंसिल में पुनर्निर्वाचन:
- 2025–2028 के लिए भारत को Part II of ICAO Council में पुनः निर्वाचित किया गया।
- Part II उन देशों के लिए है जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन सुविधाओं में सबसे बड़ा योगदान देते हैं।
- भारत की काउंसिल में 80+ वर्षों की निरंतर उपस्थिति बनी हुई है।
- सुरक्षा निगरानी (Safety Oversight):
- भारत की विमानन सुरक्षा निगरानी प्रणाली को मजबूत किया गया है।
- 2025 में ICAO द्वारा Council President Certificate से सम्मानित किया गया।
- 2022 के ऑडिट में भारत का 65% स्कोर रहा, वैश्विक शीर्ष 50 देशों में शामिल।
- नीति और विकास पहल:
- ICAO द्वारा विकसित क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी।
- विकासशील देशों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में योगदान।
- तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन बाजार के मद्देनजर, ICAO के नीति और नियामक ढांचे में भारत की सक्रिय भागीदारी।