Iran suspends visa-free entry for Indian citizens

संदर्भ:
ईरान ने 22 नवंबर 2025 से भारतीय नागरिकों के लिए वीज़ा-मुक्त प्रवेश (Visa-Free Entry) को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, बढ़ते दुरुपयोग को रोकने और आपराधिक नेटवर्कों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया।
ईरान की वीज़ा-मुक्त नीति क्या थी?
- ईरान ने 4 फरवरी 2024 से भारतीय सामान्य पासपोर्ट धारकों को 15 दिनों के लिए वीज़ा-फ्री यात्रा की अनुमति दी थी। यह सुविधा केवल पर्यटन उद्देश्यों के लिए थी और कुछ स्पष्ट शर्तों के तहत लागू थी।
- इस व्यवस्था का उद्देश्य पर्यटन प्रवाह बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय संपर्क को बढ़ावा देना था। ईरान ने 33 देशों को वीज़ा-मुक्त श्रेणी में शामिल किया था, जिसमें भारत एक प्रमुख देश था।
- भारतीय यात्रियों को यह सुविधा केवल हवाई मार्ग से एक बार हर छह महीने में मिलती थी तथा यह अवधि बढ़ाई नहीं जा सकती थी। शिक्षा, व्यवसाय या रोजगार हेतु सामान्य वीज़ा की प्रक्रिया अनिवार्य थी।
नीति निलंबन के कारण:
- आपराधिक नेटवर्क और धोखाधड़ी: 2024–25 के दौरान कई भारतीय नागरिक फर्जी नौकरी प्रस्तावों और झूठे भ्रमक योजनाओं के जरिए ईरान ले जाए गए। कई मामलों में अपहरण, फिरौती और जबरन वसूली जैसी गतिविधियाँ सामने आईं। इन घटनाओं ने वीज़ा माफी नीति की सुरक्षा कमजोरियों को उजागर किया।
- मानव तस्करी में वृद्धि: संगठित तस्करी गिरोहों ने वीज़ा-फ्री प्रवेश का लाभ उठाकर भारतीय नागरिकों को अवैध प्रवासन चैनलों में धकेला। यात्री अक्सर ईरान को एक ट्रांज़िट हब के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे सुरक्षा जांच कमजोर हो गई।
- वीज़ा पूर्व-जांच का अभाव: वीज़ा-फ्री व्यवस्था के कारण यात्रियों की पूर्व-स्क्रीनिंग नहीं हो पा रही थी। इससे सुरक्षा एजेंसियों के पास संभावित जोखिमों की पहचान का समय नहीं मिल रहा था, जिसके चलते दुरुपयोग बढ़ा।
- सार्वजनिक सुरक्षा चिंताएँ: भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी कई परामर्शों में बताया गया कि भारतीय नागरिक ईरान पहुंचने के बाद हिंसा और ठगी का सामना कर रहे थे। इसी कारण भारत ने भी सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए।
भारत और ईरान पर इसका प्रभाव:
ईरान पर प्रभाव
- पर्यटन में गिरावट: वीज़ा-फ्री सुविधा समाप्त होने से भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है। यह ईरान के पर्यटन क्षेत्र के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर: पर्यटन आधारित सेवाओं — होटल, ट्रैवल एजेंसी, परिवहन — पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भारत पर प्रभाव
- यात्रा प्रक्रिया जटिल: भारतीय यात्रियों को अब वीज़ा आवेदन, शुल्क, समय और कागज़ी कार्य का बोझ उठाना होगा।
- नागरिक सुरक्षा में सुधार: पूर्व-जांच प्रणाली से जोखिमग्रस्त भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, क्योंकि धोखाधड़ी के मामलों की संख्या कम होने की संभावना है।
निलंबन के बाद नई वीज़ा व्यवस्था
22 नवंबर 2025 से भारतीय नागरिकों के लिए निम्न प्रावधान लागू हुए हैं:
- पूर्व-स्वीकृत वीज़ा अनिवार्य: किसी भी यात्रा या ट्रांज़िट के लिए वीज़ा आवश्यक है।
- ट्रांज़िट वीज़ा भी आवश्यक: केवल एयरपोर्ट बदलने या लेओवर के लिए भी वीज़ा चाहिए।
- इमिग्रेशन क्लियरेंस अनिवार्य (26 अगस्त 2025 से): यात्रा के उद्देश्य के अनुसार दस्तावेज़ और सत्यापन आवश्यक।
- कांसुलर आवेदन प्रक्रिया: भारतीय नागरिकों को यात्रा उद्देश्य, वित्तीय प्रमाण, पासपोर्ट प्रतिलिपि और टिकट विवरण के साथ आवेदन करना होगा।
