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जय शाह बने आईसीसी के नए चेयरमैन

Mains GS III – खेल, महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ, एजेंसियाँ और मंच।

चर्चा में क्यों?

27 अगस्त 2024 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह (Jai Shah) को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नए चेयरमैन के रूप में चुना गया। इस पद के लिए जय शाह के खिलाफ किसी ने आवेदन नहीं किया, जिससे वह इस महत्वपूर्ण पद पर आसीन हो गए। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक गर्व का क्षण है और इसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत में भारत के बढ़ते प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है।

जय शाह बने आईसीसी के नए चेयरमैन: मुख्य बिंदु

  • उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के इस पद के लिए निर्विरोध चुना गया।
  • जय शाह 1 दिसंबर 2024 को मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
  • ICC चेयरमैन में बार्कले का लगातार दो बार का कार्यकाल (2020-2022,2022-2024) रहा।
  • जय शाह आईसीसी के 16वें चेयरमैन होंगे और इस पद पर नियुक्त होने वाले 5वें भारतीय बनेंगे।
  • जय शाह 1 दिसंबर को 36 साल की उम्र में आईसीसी के सबसे युवा चेयरमैन बनेंगे। इससे पहले सभी चेयरमैन की उम्र 55 साल से अधिक रही है।
  • उनका यह चेयरमैन कार्यकाल अगले साल सितंबर 2025 तक का होगा।
  • शाह ने क्रिकेट के 2028 ओलंपिक में शामिल होने को एक बड़ी उपलब्धि बताया और इसे ग्लोबल पहचान दिलाने की बात कही।

जय शाह (Jai Shah) का सफर: बीसीसीआई सचिव से आईसीसी अध्यक्ष तक

  • जय शाह, भारतीय राजनीतिज्ञ अमित शाह के पुत्र, 22 सितंबर 1988 को जन्मे।
  • उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अहमदाबाद से प्राप्त की और इसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। क्रिकेट के प्रति उनका झुकाव शुरू से ही रहा, और समय के साथ उन्होंने भारतीय क्रिकेट प्रशासन में अपनी जगह बनाई।
  • 2013 में, जय शाह (Jai Shah) ने गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (GCA) में एंट्री की और जल्दी ही उपाध्यक्ष के पद पर आसीन हुए। उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सोच ने उन्हें क्रिकेट प्रशासन में तेजी से उभरने में मदद की।
  • 2019 में, जय शाह को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का सचिव नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईपीएल की सफलता से लेकर घरेलू क्रिकेट के विकास तक, उनकी नीतियों और निर्णयों ने भारतीय क्रिकेट को मजबूत किया।
  • बीसीसीआई सचिव के रूप में सफल कार्यकाल के बाद, जय शाह का नाम इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) में चर्चा में आने लगा। उन्होंने ICC की वित्त और वाणिज्यिक मामलों की सब-कमेटी में भी योगदान दिया, जिससे उनकी अंतर्राष्ट्रीय पहचान और भी मजबूत हुई।
  • 27 अगस्त 2024 को, जय शाह को आईसीसी का चेयरमैन निर्विरोध चुना गया। 1 दिसंबर 2024 को वह इस पद पर आसीन होंगे, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल)

● आईसीसी की स्थापना 1909 में की गई थी, और इसे पहले इम्पीरियल क्रिकेट सम्मेलन के नाम से जाना जाता था।

● 1989 में इसका नाम बदलकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल कर दिया गया।

● आईसीसी का मुख्यालय दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है।

● आईसीसी के सदस्य 12 पूर्ण सदस्य देश (जिन्हें टेस्ट क्रिकेट का दर्जा प्राप्त है) और 92 एसोसिएट सदस्य देश हैं।

● पूर्ण सदस्य देश हैं: ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंग्लैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, वेस्ट इंडीज, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे, आयरलैंड, और अफगानिस्तान।

● आईसीसी का मुख्य उद्देश्य क्रिकेट खेल के विकास और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।

● यह क्रिकेट के सभी स्वरूपों को नियंत्रित और प्रबंधित करता है, और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों और टूर्नामेंटों के नियमों को निर्धारित करता है।

● आईसीसी वर्ल्ड कप, आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, और टेस्ट चैंपियनशिप प्रमुख टूर्नामेंट हैं।

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड)

● बीसीसीआई की स्थापना 1928 में की गई थी और यह भारतीय क्रिकेट का प्रमुख प्रशासनिक संगठन है।

● बीसीसीआई का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।

● बीसीसीआई का प्रमुख एक अध्यक्ष होता है, और इसके अलावा एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष, और अन्य महत्वपूर्ण पद होते हैं।

● बीसीसीआई के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में क्रिकेट एसोसिएशनों के प्रतिनिधि भी होते हैं।

● बीसीसीआई आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) का आयोजन करता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा टी-20 क्रिकेट लीग है।

● इसके अलावा, बीसीसीआई घरेलू टूर्नामेंट्स जैसे रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, और विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजन करता है।

● जय शाह से पूर्व बीसीसीआई के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी (2017–19) थे।

आईसीसी चेयरमैन की चुनाव प्रक्रिया

  1. नॉमिनेशन: पहले चरण में, उम्मीदवारों को अपने नामांकन की घोषणा करनी होती है। इस प्रक्रिया में नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित होती है।
  2. समर्थन प्राप्त करना: उम्मीदवारों को चुनाव में सफल होने के लिए सदस्य देशों से समर्थन प्राप्त करना होता है।
  3. मतदान: नामांकन की अंतिम तिथि के बाद, सदस्य देशों द्वारा मतदान किया जाता है। यह मतदान आमतौर पर गुप्त मतदान के माध्यम से होता है।
  4. विजेता की घोषणा: मतदान के परिणामों के बाद, जिस उम्मीदवार को न्यूनतम 9 वोट प्राप्त होते हैं, वह आईसीसी चेयरमैन के रूप में चुना जाता है।
  • आईसीसी चेयरमैन पद के चुनाव में कुल 16 सदस्य देश मतदान करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत, उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए न्यूनतम 9 वोट की आवश्यकता होती है।
  • जय शाह के चुनाव में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड्स ने पहले ही खुलकर उनका समर्थन किया था, जिससे उन्हें आवश्यक वोटों का समर्थन प्राप्त करने में सहायता मिली।

आईसीसी चेयरमैन पद की जिम्मेदारियां

  • आईसीसी निदेशक मंडल का नेतृत्व: चेयरमैन आईसीसी बोर्ड की सभी बैठकों की अध्यक्षता करता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट की देखरेख: चेयरमैन क्रिकेट विश्व कप, टी20 विश्व कप, और अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के आयोजन की देखरेख करता है।
  • चेयरमैन खिलाड़ियों के आचरण और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • वैश्विक प्रतिनिधित्व: चेयरमैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आईसीसी का प्रतिनिधित्व करता है।
  • चेयरमैन आईसीसी की बैठकों के लिए एजेंडा निर्धारित करता है और वैश्विक क्रिकेट समुदाय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।

आईसीसी में पूर्व भारतीय चेयरमैन

  • जगमोहन डालमिया (1997-2000): जगमोहन डालमिया पहले भारतीय थे जिन्होंने आईसीसी के अध्यक्ष का पद संभाला।
  • शरद पवार (2010-2012): शरद पवार ने आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और उनके कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख निर्णय लिए गए।
  • एन श्रीनिवासन (2014-2015): एन श्रीनिवासन ने आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए क्रिकेट प्रशासन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए।
  • शशांक मनोहर (2015-2020): शशांक मनोहर ने दो बार (2015-2016 और 2016-2020) आईसीसी के अध्यक्ष का पद संभाला। उनके नेतृत्व में, आईसीसी ने क्रिकेट के विभिन्न स्वरूपों को बढ़ावा देने और सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

भारतीय क्रिकेट में जय शाह का योगदान

  • एशियाई क्रिकेट को बढ़ावा: जय शाह (Jai Shah) ने भारतीय क्रिकेट को केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि एशियाई क्रिकेट में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी देखरेख में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने एशियाई क्रिकेट की नीतियों और योजनाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • आईपीएल: जय शाह के कार्यकाल में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने वैश्विक स्तर पर क्रिकेट के लोकप्रियता और व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी रणनीतियों और निर्णयों ने आईपीएल को एक विश्वस्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट के रूप में स्थापित किया।
  • WPL: महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की शुरुआत जय शाह की एक बड़ी उपलब्धि रही है। डब्ल्यूपीएल ने महिला क्रिकेट को नई दिशा दी और महिला क्रिकेटरों के लिए अधिक अवसर प्रदान किए। डब्ल्यूपीएल के दो सफल सत्र इस बात का प्रमाण हैं कि शाह ने महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
  • टेस्ट क्रिकेट को प्रोत्साहन: जय शाह ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत ने इस साल 10 टेस्ट मैच खेलने की योजना बनाई है, जिसमें खिलाड़ियों को उच्च मैच फीस प्रदान की जा रही है। इस निर्णय ने टेस्ट क्रिकेट के प्रति समर्पण और उसकी महत्ता को रेखांकित किया है।
  • महिला क्रिकेटरों की फीस में वृद्धि: महिला क्रिकेटरों की समान मैच फीस बढ़ाना एक महत्वपूर्ण कदम था। अब टेस्ट, वनडे और टी20 मैचों के लिए महिला खिलाड़ियों को समान और उचित वेतन मिल रहा है, जो खेल में समानता को बढ़ावा देता है।
  • एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) का निर्माण: जय शाह के नेतृत्व में नए एनसीए का निर्माण किया गया, जो क्रिकेट के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करता है। इस अकादमी में घरेलू सत्र के दौरान विभिन्न प्रथम श्रेणी मैचों का आयोजन एक ही स्थल पर किया जा सकता है, जो क्रिकेट विकास में योगदान करता है।

UPSC विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

प्रश्न.1  ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. फाइनलिस्ट का फैसला उनके द्वारा जीते गए मैचों की संख्या के आधार पर किया गया।
  2. न्यूज़ीलैंड ने इंग्लैंड की तुलना में अधिक मैच जीते थे, इसलिये उसे विजेता घोषित किया गया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

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