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लखपति दीदी योजना

Mains

  • GS II – विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप, विकास प्रक्रियाएँ और विकास उद्योग में गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के जलगांव में 11 लाख महिलाओं को “लखपति दीदी” के रूप में सम्मानित किया, जिससे यह योजना और अधिक चर्चा में आई। यह योजना महिलाओं के आर्थिक उत्थान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। यह योजना महिलाओं को न केवल आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने में मदद कर रही है, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी दे रही है।

लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Scheme)

  • लखपति दीदी योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।
  • इस योजना का प्रारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 15 अगस्त 2023 को की थी।
  • लखपति दीदी योजना का प्रारम्भ सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
  • इस योजना ने पूरे भारत में 3 करोड़ महिलाओ को स्वावलंबी बनाया जाना प्रस्तावित है।
  • योजना के तहत, एसएचजी की सदस्य, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये या उससे अधिक होती है, उन्हें ‘लखपति दीदी’ का खिताब दिया जाता है। यह आय चार कृषि सीजन या व्यावसायिक चक्रों के दौरान औसत मासिक आय 10 हजार रुपये से अधिक होने पर आधारित होती है।
  • योजना के अंतर्गत, महिलाओं को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ब्याज-मुक्त लोन प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपने खुद के व्यवसाय शुरू कर सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें।

लखपति दीदी योजना की विशेषताएं (Lakhpati Didi Scheme’s Features):

  • ब्याज-मुक्त ऋण: इस योजना के तहत महिलाओं को एक लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन बिना ब्याज के प्रदान किया जाता है। यह लोन उन्हें अपने व्यवसाय को स्थापित करने और उसे सफलतापूर्वक संचालित करने में सहायता करता है।
  • कौशल विकास कार्यक्रम: योजना के अंतर्गत, SHG की महिलाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्हें तकनीकी जानकारी और उनके पसंदीदा व्यवसाय की जानकारी प्रदान की जाती है, ताकि वे व्यवसाय को समझ सकें और उसमें सफलता प्राप्त कर सकें।
  • आय का लक्ष्य: इस योजना के तहत लखपति दीदी वह महिला होती है जिसकी वार्षिक घरेलू आय एक लाख रुपये से अधिक होती है और औसत मासिक आय दस हजार रुपये से अधिक होती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की आय में वृद्धि करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
  • प्रमाण-पत्र: प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद, महिलाओं को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाता है, जिससे उनके द्वारा प्राप्त कौशल की प्रमाणिकता सुनिश्चित हो सके।
  • इस योजना के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होती हैं, बल्कि वे अपने आत्म-सम्मान और समाज में अपनी पहचान को भी सशक्त करती हैं।
  • लखपति दीदी योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए विभिन्न आर्थिक साधन उपलब्ध कराए जाते हैं। इसमें रिवॉल्विंग फंड, सामुदायिक निवेश कोष (CIF), बैंक ऋण, ब्याज अनुदान, ओवरड्राफ्ट सुविधा, और महिला उद्यमिता के लिए विशेष फंड जैसी वित्तीय सहायता शामिल है।

इस योजना का कार्यान्वयन

  • इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर कार्य करती हैं। केंद्रीय योजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है, जबकि राज्य सरकारें इसे जमीनी स्तर पर लागू करने का कार्य करती हैं।
  • योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित सरकारी विभागों और एजेंसियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। इन निर्देशों के अनुसार, वे योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का संचालन करते हैं।
  • योजना के कार्यान्वयन में विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारी विभाग शामिल होते हैं। इनमें वित्त मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय आदि प्रमुख हैं।
  • इसके अलावा, स्थानीय निकाय, पंचायतें, और अन्य सरकारी संस्थान भी योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में सहयोग करते हैं।
  • राज्य सरकारें योजना के लिए आवश्यक संसाधनों का प्रबंधन करती हैं, जैसे कि लाभार्थियों की पहचान, फंड का वितरण, और स्थानीय स्तर पर जागरूकता फैलाने के कार्य।

स्वयं सहायता समूहों और उनके सदस्यों के लिए उपलब्ध वित्तीय सहायता:

  • प्रत्येक पात्र स्वयं सहायता समूह को 20,000 से 30,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • बैंक या वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर बैंकों की ब्याज दर और 7 प्रतिशत के अंतर को कवर करने के लिए प्रति स्वयं सहायता समूह अधिकतम 3,00,000 रुपये का ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है।
  • जन-धन खाता रखने वाली प्रत्येक महिला सदस्य को 5,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सीमा प्रदान की जाती है।

लखपति दीदियों को सक्षम बनाने में मददगार कार्यक्रम/परियोजनाएं:

  • क्लस्टर स्तर महासंघ (Cluster Level Federations) और उत्पादक सामूहिकताओं (Producer Collectives): ये महिला स्वयं सहायता समूहों के संघों को मजबूत करने और उन्हें संगठित करने पर केंद्रित हैं। इसके अंतर्गत, उत्पादक समूह (PG), उत्पादक उद्यम (PE), और किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन, उनकी क्षमता निर्माण, और व्यवसायिक योजनाओं का निर्माण किया जाता है।
  • रिवॉल्विंग फंड (RF) और सामुदायिक निवेश कोष (CIF): यह फंड स्वयं सहायता समूहों को तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी वित्तीय सुदृढ़ता बढ़ाई जा सके।
  • कृषि और संबंधित क्षेत्र, पशुधन, गैर-काष्ठ वन उत्पाद (NTFP): यह कार्यक्रम कृषि आधारित आजीविका को बढ़ाने पर केंद्रित हैं। इसके अंतर्गत, सदस्यों को कृषि, पशुधन, और वन उत्पादों के उत्पादन में मदद की जाती है।
  • स्टार्टअप गांव उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP): इस कार्यक्रम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता प्रदान की जाती है।
  • इनक्यूबेटर और सूक्ष्म उद्यम विकास (Micro Enterprise Development – MED): यह कार्यक्रम लखपति दीदियों को सूक्ष्म उद्यमों को स्थापित करने और विकसित करने में सहायता प्रदान करता है।

इस योजना के प्रभाव

  • महिलाओं के जीवन पर प्रभाव: लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय संसाधनों और संसाधनों की पहुंच प्राप्त हुई है, जिससे उन्होंने अपनी आत्मनिर्भरता और आत्म-संवर्धन में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। आर्थिक स्थिति में सुधार के कारण महिलाओं ने अपने परिवारों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर बेहतर ध्यान देना शुरू किया है, जिससे उनकी और उनके परिवारों की जीवन गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।
  • सामाजिक प्रभाव: योजना ने महिलाओं के सामाजिक मान-सम्मान और स्थिति में सुधार किया है। महिलाओं ने अपनी क्षमताओं और योगदान को साबित किया है, जिससे समाज में उनकी स्थिति मजबूत हुई है। महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के कारण समाज में gender equality की दिशा में सकारात्मक बदलाव आया है। महिलाएं अब सामाजिक निर्णयों और परिवार की योजनाओं में अधिक भागीदार बन गई हैं।

जुलाई, 2024 तक लखपति दीदी योजना की प्रमुख उपलब्धियां (Achievements):

  • योजना ने 6,611 मास्टर ट्रेनर और 3 लाख कम्‍युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) तैयार किए हैं, जो ग्रामीण महिलाओं की वित्तीय आजादी की दिशा में मदद और मार्गदर्शन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  • लखपति दीदी पहल ने देश के विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों में महत्वपूर्ण कवरेज हासिल की है।
  • इस मिशन ने अपनी व्‍यापक रणनीति के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (दिल्ली एवं चंडीगढ़ को छोड़कर) के 742 जिलों के 32 ब्लॉकों को कवर किया है।
  • 44 लाख व्यक्तियों को डिजिटल आजीविका रजिस्टर में पंजीकृत किया गया है।
  • इस योजना ने देश भर में 2.47 करोड़ संभावित लखपति दीदियों (पीएलडी) की पहचान की है ।
  • अब तक इस योजना में एक करोड़ से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाया गया।
  • 35 लाख स्वयं सहायता समूहों के पूरे 25.8 लाख सदस्य लोगो को 5,000 करोड़ रुपये का बैंक लोन वितरित किया गया।

इस योजना के लिए सरकार के आगमी कदम

  • भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए डीएवाई-एनआरएलएम के तहत 15,047.00 करोड़ रुपये के बढ़े हुए बजटीय परिव्यय का प्रस्ताव दिया है। यह बढ़ा हुआ बजट स्वयंसहायता समूह के सदस्यों की आजीविका के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों को बढ़ाने में मदद करेगा।
  • योजना के तहत प्रस्तावित वित्तीय समर्थन का उद्देश्य स्वयंसहायता समूह के सदस्यों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से हस्तक्षेपों को बढ़ाया जाएगा।
  • सरकार ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, प्रशिक्षणों, और वित्तीय सहायता योजनाओं के माध्यम से स्वयंसहायता समूहों और उनके सदस्यों का सशक्तिकरण किया जाएगा।

UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)

प्रश्न: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण गरीबों के आजीविका विकल्पों में सुधार कैसे करना चाहता है? (2012)

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नए विनिर्माण उद्योग और कृषि व्यवसाय केंद्र स्थापित करके
  2. ‘स्वयं सहायता समूहों’ को मजबूत करके और कौशल विकास प्रदान करके
  3. किसानों को निःशुल्क बीज, उर्वरक, डीजल पंप-सेट और सूक्ष्म सिंचाई उपकरण उपलब्ध कराकर

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