Loktak Lake

संदर्भ:
हाल ही में नागालैंड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन ने चेतावनी दी है कि भूमि उपयोग में बदलाव और कृषि विस्तार के कारण लोकटक झील की जल गुणवत्ता घट रही है और इसकी जैव विविधता खतरे में पड़ गई है। अध्ययन में झील के पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए सतत भूमि प्रबंधन और संरक्षण उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
लोकतक झील पर अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:
- मुख्य कारण: भूमि उपयोग में परिवर्तन — जैसेकृषि विस्तार, मानव बस्तियाँ और झूम खेती (Jhum Cultivation) — झील में गिरने वाली नदियों के जल की गुणवत्ता को खराब कर रहे हैं।
- नमूना और विश्लेषण: अध्ययन में9 प्रमुख नदियों — खुगा, नमबुल, इम्फाल, कॉन्गबा, इरिल, थोबल, हेरोक, सेक्माई और वेस्टर्न — को शामिल किया गया।
 इसमें Land Use Land Cover (LULC) मैपिंग और जल गुणवत्ता सूचकांक का उपयोग किया गया।
- जल गुणवत्ता परिणाम (Water Quality Results):
- उच्च जैविक ऑक्सीजन मांग (BOD)
- कम घुलित ऑक्सीजन (DO)
- अधिक तलछट स्तर ये सभी झील कीजल-जीव स्थिति में गिरावट को दर्शाते हैं।
 
- प्रदूषण के स्रोत:
- बढ़ता हुआकृषि अपवाह (Agricultural runoff)
- घरेलू अपशिष्ट (Domestic waste)
- शहरी अतिक्रमण ये सभी कारकपोषक तत्व प्रदूषण और गाद जमाव (Siltation) को बढ़ा रहे हैं।
 
- प्रभाव (Impact):
- मछलियों की संख्या में कमी
- जैव विविधता का ह्रास
- स्थानीय समुदायों की आजीविका पर संकट
 
- सिफारिशें: अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि—
- समुदाय-आधारित भूमि प्रबंधनअपनाया जाए,
- कृषि अपवाह पर नियंत्रणकिया जाए,
- औरअपशिष्ट निकासी नियमों को सख्ती से लागू किया जाए ताकि पारिस्थितिक संतुलन बहाल हो सके।
 
 
				 
								 
								 
     
												 
												 
												 
												 
												 
												