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भारतीय नौसेना के लिए निर्मित 7वें ‘एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल बार्ज, LSAM 21 (यार्ड 131)’ का सफल लॉन्च

LSAM 21 (Yard131):

5 सितंबर, 2024 को भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रहा। ठाणे स्थित मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एसपीपीएल) की लॉन्च साइट पर 11 एक्स एसीटीसीएम बार्ज प्रोजेक्ट के तहत 7वें बार्ज ‘एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल बार्ज, LSAM 21 (Yard131)’ का सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच अनुबंध:

  • 11 एक्स एसीटीसीएम बार्ज परियोजना के निर्माण के लिए अनुबंध 05 मार्च 2021 को रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के बीच हस्ताक्षरित हुआ था।
  • इन बार्ज की उपलब्धता से भारतीय नौसेना की संचालन क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे नौसेना के जहाजों को जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर गोला-बारूद व अन्य सामग्रियों के लोडिंग और अनलोडिंग की सुविधा मिलेगी।

स्वदेशी डिजाइन और निर्माण: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम

  • ये बार्ज नौसेना के नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं।
  • इनके डिजाइन के दौरान बार्ज के मॉडल का परीक्षण नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम में किया गया था।
  • यह परियोजना मेक इन इंडिया पहल को मजबूती प्रदान करती है और भारतीय आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल बार्ज:

एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल बार्ज एक विशिष्ट प्रकार का जहाज है जो नौसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे इस तरह डिजाइन किया जाता है कि यह बड़ी मात्रा में गोला-बारूद, टॉरपीडो और मिसाइलों को ले जा सके। ये बार्ज युद्ध के समय नौसेना के जहाजों को आवश्यक युद्ध सामग्री की आपूर्ति करने का काम करते हैं।

प्रमुख विशेषताएं:

  • बहुउद्देश्यीय: ये बार्ज न केवल गोला-बारूद बल्कि अन्य प्रकार के युद्ध सामग्री जैसे कि ईंधन, खाद्य पदार्थ आदि को भी ले जा सकते हैं।
  • उच्च भार क्षमता: इन बार्जों में काफी अधिक भार क्षमता होती है, जिससे वे बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं।
  • सुरक्षा: इन बार्जों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वे युद्ध के दौरान सुरक्षित रह सकें। इनमें आधुनिक सुरक्षा उपकरण और संचार प्रणाली होती है।

भारतीय नौसेना के बारे में संक्षिप्त तथ्य

  • भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी।
  • भारतीय नौसेना के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति होते हैं।
  • भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य है- ‘शं नो वरुणः’, जिसका अर्थ है ‘जल के देवता वरुण हमारे लिए शुभ हों।’
  • वर्ष 1961 में गोवा को पुर्तगाल से मुक्त कराने के अभियान में भी भारतीय नौसेना का महत्त्वपूर्ण योगदान था।
  • परमाणु शक्ति से लैस बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिहंत’ और कई अन्य जहाजों के निर्माण के साथ नौसेना एक सशक्त बल के रूप में उभरी है।
  • यह पनडुब्बियों के तीन वर्गों – चक्र, सिंधुघोष और शिशुमार का संचालन करती है।
  • मरीन कमांडो (मार्कोस) भारतीय नौसेना की विशेष बल इकाई है, जो युद्ध, आतंकवाद विरोधी, विशेष अभियानों, बंधक बचाव और असममित युद्ध के लिए प्रशिक्षित है।

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