Madhunetra-AI Programme for Diabetic Retinopathy
संदर्भ:
हाल ही में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (AFMS) ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र (RPC), एम्स, तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ई-हेल्थ एआई प्रकोष्ठ के सहयोग से भारत का पहला एआई-आधारित सामुदायिक स्क्रीनिंग कार्यक्रम प्रारंभ किया। यह पहल डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली दृष्टि हानि के लिए प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी:
- डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR) मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में होने वाला नेत्र रोग है, जो समय पर जांच न होने पर अंधत्व का कारण बन सकता है।
- भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और अध्ययनों के अनुसार बड़ी आबादी ने कभी रेटिनल परीक्षण नहीं कराया है।
- यह रोग गैर-संचारी रोगों (NCDs) से जुड़ा हुआ है और इसका प्रभाव कार्यशील आयु वर्ग पर अधिक पड़ता है, जिससे आर्थिक उत्पादकता भी प्रभावित होती है।
मधुनेत्र-एआई कार्यक्रम:
मधुनेत्र-एआई एक वेब-आधारित कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण है, जिसे आरपीसी, एम्स द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली हैंडहेल्ड फंडस कैमरों से ली गई रेटिनल छवियों का स्वचालित स्क्रीनिंग, ग्रेडिंग और ट्रायजिंग करती है।
- इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य समुदाय स्तर पर डायबिटिक रेटिनोपैथी की शीघ्र पहचान, समयबद्ध रेफरल, तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बुद्धिमत्ता ढांचे का निर्माण करना है।
- इसकी विशेषता यह है कि इसे प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्य सहायक भी उपयोग कर सकते हैं, जिससे विशेषज्ञों पर निर्भरता कम होती है।
- वर्तमान में इसे पायलट परियोजना के अंतर्गत पुणे, मुंबई, बेंगलुरु, धर्मशाला, गया, जोरहाट और कोच्चि में लागू किया जा रहा है।
- कार्यक्रम के अंतर्गत जिन व्यक्तियों में डायबिटिक रेटिनोपैथी की पहचान होगी, उन्हें उचित मधुमेह प्रबंधन हेतु रेफर किया जाएगा। जिला स्वास्थ्य प्रशासन इस प्रक्रिया को मौजूदा एनसीडी कार्यक्रमों के साथ एकीकृत करेगा, जिससे निरंतर उपचार सुनिश्चित हो सके।

