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मैमोग्राफी (Mammography)

हाल ही में, दो शोध टीमों ने पाया है कि मैमोग्राफी (Mammography) द्वारा स्तन धमनियों (Mammary arteries) में कैल्शियम जमाव का पता लगाने से हृदय रोग के उच्च जोखिम का संकेत मिल सकता है। यह खोज मैमोग्राफी की उपयोगिता को और बढ़ाती है, न केवल स्तन कैंसर (Breast Cancer) बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान में भी सहायक हो सकती है।

मैमोग्राफी (Mammography) क्या है?

मैमोग्राफी एक एक्स-रे इमेजिंग विधि है जिसका उपयोग स्तनों में कैंसर और अन्य रोगों का शीघ्र पता लगाने के लिए किया जाता है। यह जांच स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानने में सहायक होती है, जिससे उपचार की संभावना बढ़ जाती है।

मैमोग्राफी (Mammography) की प्रकार:

  1. स्क्रीनिंग मैमोग्राम: यह उन महिलाओं के लिए होता है जिनमें कैंसर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं हैं। इसका उद्देश्य कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाना है।
  2. डायग्नोस्टिक मैमोग्राम: यदि किसी महिला को स्तन में गांठ, दर्द, निप्पल से स्राव, या त्वचा में बदलाव जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो इस प्रकार की मैमोग्राफी का उपयोग किया जाता है ताकि किसी भी असामान्यता की जांच की जा सके।

मैमोग्राफी (Mammography) कैसे काम करती है?

  1. परीक्षण की प्रक्रिया:
    • मरीज का स्तन एक सपाट सपोर्ट प्लेट पर रखा जाता है और एक समानांतर प्लेट से दबाया जाता है।
    • एक्स-रे मशीन एक छोटी किरण उत्पन्न करती है जो स्तन के माध्यम से होकर एक डिटेक्टर तक जाती है।
  2. डिटेक्टर:
    • यह एक फोटोग्राफिक फिल्म प्लेट हो सकता है जो एक्स-रे छवि को फिल्म पर कैप्चर करती है, या एक ठोस-अवस्था डिटेक्टर हो सकता है जो डिजिटल छवि बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को कंप्यूटर पर भेजता है।
  3. उत्पादित छवियाँ:
    • फिल्म मैमोग्राम: कम घनत्व वाले ऊतक जैसे वसा पारभासी (काले रंग की पृष्ठभूमि के निकट ग्रे रंग के गहरे शेड) दिखाई देते हैं, जबकि घने ऊतक जैसे संयोजी और ग्रंथि ऊतक या ट्यूमर सफेद दिखाई देते हैं।
    • ये उच्च घनत्व वाले क्षेत्र विभिन्न असामान्यताओं का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जैसे कि कैंसरयुक्त ट्यूमर, सौम्य ट्यूमर (फाइब्रोएडेनोमा), या जटिल सिस्ट।

स्तन कैंसर (Breast Cancer):

स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक सामान्य प्रकार का कैंसर है। इसमें स्तन कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है। ये कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और एक गांठ या ट्यूमर बना सकती हैं।

लक्षण:

  • स्तन में गांठ या सूजन
  • स्तन के आकार या रूप में परिवर्तन
  • स्तन की त्वचा में लालिमा या खुरदरापन
  • अंडरआर्म में गांठ या सूजन

कारण:

  • आनुवंशिक कारक: कुछ महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है यदि उनके परिवार में किसी को यह बीमारी हुई है।
  • हार्मोन: महिलाओं में हार्मोन का स्तर उनके जीवनकाल में बदलता रहता है। कुछ हार्मोन स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • जीवनशैली: कुछ जीवनशैली कारक जैसे कि धूम्रपान, शराब का सेवन, अधिक वजन होना और व्यायाम न करना स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • अन्य कारक: कुछ अन्य कारक जैसे कि पहले से स्तन कैंसर होना, विकिरण थेरेपी, या कुछ दवाओं का सेवन भी स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

उपचार:

स्तन कैंसर का उपचार रोग की अवस्था और प्रकार पर निर्भर करता है। इसमें शामिल हो सकता है:

  • सर्जरी: ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है।
  • कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • विकिरण थेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए विकिरण का उपयोग किया जाता है।
  • हार्मोन थेरेपी: हार्मोन के स्तर को कम करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • लक्षित चिकित्सा: कैंसर कोशिकाओं को विशिष्ट रूप से लक्षित करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।

निवारण:

हालांकि स्तन कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ जीवनशैली परिवर्तन और नियमित जांच से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं:

  • स्वस्थ आहार खाना
  • नियमित व्यायाम करना
  • धूम्रपान और शराब का सेवन कम करना
  • स्तन जांच करवाना

नियमित रूप से मैमोग्राम करवाना

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