Maternal Mortality Ratio
Maternal Mortality Ratio – संदर्भ:
पुडुचेरी लेफ्टिनेंट गवर्नर के. कैलासनाथन ने घोषणा की कि पुडुचेरी वर्ष 2024–25 में प्रसव के दौरान शून्य मातृ मृत्यु (Maternal Mortality Ratio) दर्ज करने वाला भारत का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।
Maternal Mortality Ratio (MMR):
- परिभाषा (Definition): मातृ मृत्यु (Maternal Mortality) का अर्थ है — किसी महिला की गर्भावस्था के दौरान या गर्भ समाप्ति के 42 दिनों के भीतर मृत्यु हो जाना, जो गर्भावस्था से संबंधित कारणों के चलते हो, लेकिन इसमें दुर्घटनाएँ या असंबंधित कारण शामिल नहीं होते।
- MMR -Maternal Mortality Ratio की गणना: प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु की संख्या को मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) कहते हैं।
- स्वास्थ्य प्रणाली का सूचक: MMR (Maternal Mortality Ratio) किसी भी देश में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, उपलब्धता और प्रभावशीलता को दर्शाता है।
- वैश्विक लक्ष्य (SDG Target): सतत विकास लक्ष्य (SDG) 3.1 के अंतर्गत भारत ने संकल्प लिया है कि वर्ष 2030 तक MMR को घटाकर 70 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म तक लाया जाएगा।
भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) में प्रगति:
- कमी दर्ज की गई: Sample Registration System (SRS) के अनुसार भारत का MMR 130 (2014–16) से घटकर 93 (2019–21) हो गया है। यानी इस दौरान 37 अंकों की कमी हुई है।
- क्षेत्रीय उपलब्धियाँ: कुछ राज्यों ने तो MMR को SDG लक्ष्य 70 प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों से भी नीचे ला दिया है।
- केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, गुजरात और कर्नाटक ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है।