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हाल ही में भद्रा टाइगर रिजर्व में मिकानिया माइक्रान्था नामक खरपतवार बहुत तेजी से फैल रहा है और इससे वहां की जैव विविधता को खतरा हो रहा है।
मिकानिया माइक्रान्था के बारे में
- परिचय: मिकाना माइक्रांथा एक बारहमासी रेंगने वाला चढ़ाई वाला पौधा है, जिसे अपने तीव्र और आक्रामक विकास के लिए जाना जाता है।
- उत्पत्ति: यह पौधा मध्य और दक्षिण अमेरिका की मूल प्रजाति है, और अब यह दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत और प्रशांत द्वीपों के कई हिस्सों में एक प्रमुख आक्रामक प्रजाति बन चुका है।
- भारत में आगमन: इसे 1940 के दशक में भारत में चाय बागानों में जमीनी कवर के रूप में पेश किया गया था, और अब यह बागान फसलों और वन क्षेत्रों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।
- विकास की स्थिति: यह पौधा उच्च उर्वरता, कार्बनिक पदार्थ, मिट्टी की नमी और आर्द्रता वाले क्षेत्रों में तेजी से फैलता है।
- प्रभाव: यह अन्य पौधों की वृद्धि को रोकता है, उन्हें दबाकर या प्रकाश को अवरुद्ध करके नुकसान पहुंचाता है।
- प्रजनन: मिकाना माइक्रांथा हजारों हल्के बीज पैदा करता है जो हवा से फैलते हैं, और इसके रूट्स वानस्पतिक प्रजनन के माध्यम से तेजी से फैलते हैं।
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भद्रा टाइगर रिजर्व के बारे में :
- भद्रा टाइगर रिजर्व कर्नाटक के पश्चिमी घाट क्षेत्र के बीच स्थित है।
- यह रिजर्व पहाड़ी श्रेणियों के बीच स्थित है और हाथियों की अच्छी आबादी के लिए जाना जाता है। यह एक हाथी रिजर्व भी है।
- इसे 1998 में भारत का 25वां प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
अभयारण्य की विशेषताएँ:
- रिवर टर्न लॉज: भद्रा जलाशय के किनारे, लक्कवली के पास एक पहाड़ी पर स्थित है। यह अभयारण्य की उत्तरी सीमा से बहुत करीब है।
- मुथोड़ी: यह अभयारण्य का सबसे सुंदर वन क्षेत्र है।
- जगरा जायंट: यह राज्य का सबसे बड़ा चीकू का पेड़ है, जिसकी परिधि 5.1 मीटर और ऊंचाई 32 मीटर है, और यह लगभग 400 वर्ष पुराना माना जाता है।
- क्षेत्रफल: भद्रा टाइगर रिजर्व लगभग 500 वर्ग किमी में फैला है, जो शिवमोग्गा और चिकमगलूर जिलों में स्थित है।
- बाघों की जनसंख्या: अभयारण्य में 30 से अधिक बाघ और 20 तेंदुए हैं।
- नदियाँ: यह भद्रा नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा जलायुक्त है।
- वनस्पति: रिजर्व में शुष्क पर्णपाती, नम पर्णपाती, शोला और अर्ध-सदाबहार वनस्पति के क्षेत्र हैं। प्रमुख पौधों में चीकू, शीशम, माथी, होन्ने और नंदी शामिल हैं, साथ ही कई औषधीय पौधे भी हैं।
- प्राणी: यहाँ बाघ, तेंदुआ, तेंदुए की बिल्ली, धोले, भारतीय सिवेट, गौर, सांभर और भौंकने वाले हिरण जैसे अंगुलियों वाले जानवर आम हैं।
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