Mission Sudarshan Chakra
संदर्भ:
भारत का मिशन सुदर्शन चक्र देशव्यापी एयर डिफेंस कवच बनाने की दिशा में एक अनूठा प्रयास है, जो हजारों उन्नत सेंसर और हथियारों को एकीकृत नेटवर्क में जोड़ने पर केंद्रित है। इस परियोजना में 6,000–7,000 राडार शामिल होंगे, जो क्षितिज के पार भी शत्रु लक्ष्यों को ट्रैक कर सकेंगे, सैटेलाइट्स जो अंतरिक्ष से लगातार निगरानी बनाए रखेंगे, और डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स (DEWs) — लेजर आधारित उन्नत प्रणालियाँ जो दुश्मन खतरों को नष्ट करने के लिए तैयार हैं।
- ये सभी अन्य निगरानी और रक्षा प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर एक एकीकृत प्रणाली का निर्माण करेंगे, जो भारत की हवाई सुरक्षा को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
मिशन सुदर्शन चक्र: भारत का स्वदेशी एयर डिफेंस प्रोजेक्ट
परिचय:
79वें स्वतंत्रता दिवस पर घोषित मिशन सुदर्शन चक्र भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पहल है, जिसका उद्देश्य 2035 तक स्वदेशी ‘आयरन डोम’– जैसी एयर डिफेंस प्रणाली विकसित करना है। यह प्रणाली उन्नत तकनीकों और बहु–स्तरीय रक्षा तंत्र के माध्यम से महत्वपूर्ण नागरिक और रक्षा ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
उद्देश्य:
- दुश्मन हमलों को तत्काल निष्प्रभावी बनाना।
- तेज़ और सटीक प्रतिहल्ले की क्षमता प्रदान करना।
- भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करना।
पृष्ठभूमि और उपलब्धियां:
- IADWS का विकास भारत के S-400, बराक–8 और आकाश प्रणालियों के उपयोग पर आधारित है, जो ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सफल रही थीं।
- सफल फ्लाइट टेस्ट ने भारत की आत्मनिर्भर और समग्र एयर डिफेंस क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित किया।
मिशन सुदर्शन चक्र – प्रमुख विशेषताएँ:
- समयरेखा: मिशन 2035 तक पूरा किया जाएगा।
- व्यापक सुरक्षा: भारत के रणनीतिक, नागरिक और धार्मिक स्थल/संपत्ति (जैसे अस्पताल, रेलवे) की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
- सभी सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा: पूरे देश में हवा, जमीन और समुद्र में विस्तारित सुरक्षा कवच प्रदान करेगा।
- सुरक्षा तकनीक का समाकलन: इसमें उन्नत निगरानी, साइबर सुरक्षा और भौतिक अवसंरचना संरक्षण शामिल होंगे।
- लक्षित और सटीक कार्रवाई: यह प्रणाली विशेष लक्ष्यों पर तेज और सटीक प्रतिक्रिया प्रदान करेगी।
- स्वदेशी तकनीक: पूरी तरह से भारत में शोध, विकास और निर्माण की जाएगी।
- वायु श्रेष्ठता: जमीनी बलों के लिए सुरक्षा कवच उपलब्ध कराएगा।
- निवारक प्रभाव: संभावित दुश्मन आक्रमण के खिलाफ मजबूत निवारक शक्ति उत्पन्न करेगा।
- आत्मनिर्भरता: रक्षा आधुनिकीकरण में स्वदेशी क्षमता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
आधुनिक युद्ध के तत्व: अपेक्षित घटक
- साइबर रक्षा और आक्रमण
- अंतरिक्ष आधारित संसाधन
- एंटी‑ड्रोन सिस्टम (नज़दीकी और लंबी दूरी दोनों)
- आक्रमणकारी ड्रोन क्षमताएँ
- त्रि‑सेवा मिसाइल बल समेकन
निष्कर्ष: मिशन सुदर्शन चक्र भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक और रणनीतिक स्वतंत्रता को अगले स्तर पर ले जाने वाला महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है।


