Modi and Xi meeting
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की। यह बैठक एशिया की दो बड़ी शक्तियों के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संवाद रही, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और एससीओ ढांचे के तहत संवाद को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
SCO शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणाम:
उच्च–स्तरीय बातचीत:
- दोनों नेताओं ने मुलाकात की और आपसी संबंधों में सकारात्मक गति का स्वागत किया।
- यह दोहराया कि वे “विकास सहयोगी” हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं; मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
सीमा मुद्दे:
- 2024 में हुई सफल “बॉर्डर डिसएंगेजमेंट” का उल्लेख किया गया।
- तब से अब तक शांति और स्थिरता बनाए रखने पर सहमति जताई।
जनता से जनता के रिश्ते:
- सीधी उड़ानों और वीज़ा में आसानी के जरिए आपसी आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमति।
- कैलाश मानसरोवर यात्रा और टूरिस्ट वीज़ा को फिर से शुरू करने पर बल।
आर्थिक और व्यापारिक सहयोग: दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को विश्व व्यापार की स्थिरता के लिए अहम बताया गया।
बहुपक्षीय सहयोग:
- प्रधानमंत्री ने चीन की एससीओ अध्यक्षता और तियानजिन शिखर सम्मेलन का समर्थन किया।
- राष्ट्रपति शी को भारत के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2026 में आमंत्रित किया।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO):
उद्भव: शंघाई फाइव (Shanghai Five) की स्थापना 1996 में चीन और सोवियत संघ के चार पूर्व गणराज्यों (कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान) के बीच सीमा निर्धारण और निरस्त्रीकरण वार्ताओं से हुई।
- प्रारंभिक सदस्य: कज़ाख़स्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान।
- SCO का गठन: 2001 में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) रखा गया।
- उद्देश्य: मध्य एशिया में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को रोकने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाना।
- सदस्य देश (10): चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस तथा मध्य एशिया के चार देश — कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान।
- भारत की सदस्यता: भारत 2017 में पूर्ण सदस्य बना और 2023 में संगठन की घूर्णन अध्यक्षता (rotating chairmanship) संभाली।
- आर्थिक व जनसंख्या योगदान: सदस्य देश वैश्विक GDP का लगभग 30% और विश्व की जनसंख्या का लगभग 40% हिस्सा रखते हैं।
- पर्यवेक्षक देश: अफगानिस्तान और मंगोलिया।
- आधिकारिक भाषा: रूसी और चीनी।
संरचना:
- सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था हैराज्यों के प्रमुखों की परिषद (Council of Heads of States), जो साल में एक बार मिलती है।
- संगठन की दो स्थायी संस्थाएं हैं —
- सचिवालय (बीजिंग में)
- क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) की कार्यकारी समिति (ताशकंद में)।