Mohenjo Daro Dancing Girl
संदर्भ:
राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली से हाल ही में मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध ‘डांसिंग गर्ल’ की प्रतिकृति चोरी होने की खबर सामने आई है।
मोहनजोदड़ो की ‘नाचती हुई लड़की’
- आकार: यह कांस्य से बनी 5 सेमी ऊँची मूर्ति है।
- तकनीक (Technique):
- इसे लॉस्ट–वैक्स कास्टिंग विधि से बनाया गया था।
- इस प्रक्रिया में मोम की आकृति पर मिट्टी चढ़ाई जाती है, फिर मोम को पिघलाकर निकाल दिया जाता है और उसकी जगह पिघला हुआ धातु डाला जाता है।
- यह तकनीक सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) की उन्नत धातुकर्म (metallurgy) क्षमता को दर्शाती है।
- रूप (Appearance):
- यह एक युवा नग्न महिला आकृति है।
- गले में हार, एक हाथ में अनेक चूड़ियाँ और आत्मविश्वास भरी मुद्रा इसकी विशेषताएँ हैं।
- एक हाथ कमर पर टिकाए हुए, सहज और निश्चिंत भाव-भंगिमा में खड़ी है।
- कलात्मक महत्व (Cultural Significance):
- इसे एक सांसारिक कलाकृति माना जाता है।
- यह मूर्ति सौंदर्यबोध, यथार्थवादी कला और तकनीकी नवाचार को प्रकट करती है।
- यह दर्शाती है कि सिंधु घाटी सभ्यता केवल उपयोगितावादी नहीं, बल्कि कलात्मक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध थी।