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मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी (Monoclonal antibody therapy) | UPSC Preparation

Monoclonal antibody therapy

Monoclonal antibody therapy

संदर्भ:

हाल ही में, प्राइमरी स्केलेरोज़िंग कोलैंगाइटिस (PSC) के इलाज के लिए विकसित एक नई मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (Monoclonal Antibody) थेरेपी ‘नेबोकिटग’ के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। यह दुर्लभ लिवर रोग वर्तमान में किसी स्वीकृत चिकित्सा उपचार के बिना लाइलाज माना जाता है। 

नेबोकिटग (Nebokitug) क्या है?

यह प्रयोगशाला में निर्मित एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAb) है, जो यह शरीर में CCL24 नामक प्रोटीन को लक्षित (block) करती है। PSC के रोगियों में CCL24 का स्तर काफी अधिक होता है, जो पित्त नलिकाओं (bile ducts) के पास सूजन और स्कारिंग (fibrosis) को बढ़ावा देता है। नेबोकिटग इस प्रोटीन को रोककर लिवर की सूजन और फाइब्रोसिस को कम करने का काम करती है। 

प्राइमरी स्केलेरोज़िंग कोलैंगाइटिस (PSC) क्या है?

यह एक दुर्लभ और दीर्घकालिक (chronic) लिवर रोग है जिसमें पित्त नलिकाओं में सूजन और निशान बन जाते हैं। इसके कारण पित्त का प्रवाह रुक जाता है, जिससे लिवर सिरोसिस, लिवर फेलियर और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन इसका गहरा संबंध इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (IBD) से पाया गया है। वर्तमान में कोई स्वीकृत दवा नहीं है; अंतिम चरण में केवल लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प बचता है। 

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ क्या हैं?

  • मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAbs) प्रयोगशाला में बनाए गए प्रोटीन हैं। ये प्रोटीन शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी की तरह काम करते हैं, जो बाहरी रोगजनकों (एंटीजन) जैसे वायरस या बैक्टीरिया की पहचान कर उन्हें नष्ट करने में मदद करते हैं। 
  • “मोनोक्लोनल” शब्द का अर्थ है कि ये एंटीबॉडीज़ एक ही मूल कोशिका (B-कोशिका) की क्लोनिंग करके बनाई जाती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी एंटीबॉडी समान हैं।
  • वे सीधे वायरस या विषाक्त पदार्थों को बांधती हैं और उन्हें स्वस्थ कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकती हैं (जैसे COVID-19 के मामले में वायरस के स्पाइक प्रोटीन को ब्लॉक करना)।
  • जर्मनी के जॉर्ज जे.एफ. कोहलर और अर्जेंटीना के सीज़र मिल्सटेन ने 1975 में इस विधि को विकसित किया था, जिसके लिए उन्हें 1984 में नोबेल पुरस्कार मिला। 

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ की निर्माण प्रक्रिया:

  • प्रतिरक्षीकरण (Immunization): सबसे पहले, किसी जानवर (अक्सर चूहे) को लक्षित एंटीजन के साथ प्रतिरक्षित किया जाता है।
  • हाइब्रिडोमा तकनीक (Hybridoma Technology): एंटीबॉडी बनाने वाली B-कोशिकाओं को माइलोमा (कैंसर) कोशिकाओं के साथ संलयित (fuse) किया जाता है क्योंकि कैंसर कोशिकाओं में असीमित विभाजन की क्षमता होती हैं।
  • क्लोनिंग और उत्पादन: इन हाइब्रिडोमा कोशिकाओं को क्लोन किया जाता है, और परिणामी कोशिकाएँ बड़ी मात्रा में एक ही प्रकार की एंटीबॉडी (मोनोक्लोनल) का उत्पादन करती हैं। 

अनुप्रयोग:

  • कैंसर उपचार (Cancer Treatment): mAbs का उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर के निदान और उपचार में किया जाता है, जैसे कि कोलोरेक्टल कैंसर और ल्यूकेमिया।
  • संक्रामक रोग (Infectious Diseases): COVID-19 महामारी के दौरान हल्के से मध्यम लक्षणों वाले उच्च जोखिम वाले रोगियों के इलाज के लिए किया गया था। निपाह वायरस जैसी अन्य वायरल बीमारियों के उपचार के लिए भी अनुसंधान चल रहा है।
  • स्व-प्रतिरक्षी रोग (Autoimmune Disorders): रुमेटीइड गठिया (rheumatoid arthritis) और मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis) जैसी स्थितियों के इलाज में भी इनका उपयोग किया जाता है।
  • निदान (Diagnostics): गर्भावस्था परीक्षण किट और कुछ रक्त परीक्षणों (ELISA) सहित विभिन्न नैदानिक परीक्षणों में विशिष्ट एंटीजन का पता लगाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है।

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