National Maritime Heritage Complex

संदर्भ:
हाल ही में भारत और नीदरलैंड्स के बीच लोथल (गुजरात) में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex – NMHC) के विकास में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) हुआ, जो भारत की समुद्री कूटनीति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
- नीदरलैंड्स अपने प्रसिद्ध ‘नेशनल मैरीटाइम म्यूजियम’ (एम्स्टर्डम) के अनुभव के आधार पर तकनीकी सहायता, प्रदर्शनी डिजाइन और ऐतिहासिक जहाजों के जीर्णोद्धार में मदद करेगा।
- दोनों देश समुद्री इतिहास से संबंधित शोध, कलाकृतियों के आदान-प्रदान और डिजिटल इंटरएक्टिव प्रदर्शनी विकसित करने पर सहमत हुए हैं।
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) की विशेषताएं:
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) (National Maritime Heritage Complex) गुजरात के लोथल में बन रहा है, जो भारत की 4500 साल पुरानी समुद्री विरासत को दिखाने वाला विश्व का सबसे बड़ा परिसर होगा।
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- संचालन: भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPS&W) द्वारा इस योजना का संचालन किया जा रहा है।
- संग्रहालय: 14 दीर्घाओं वाला एक बड़ा संग्रहालय, जिसमें नौसेना, व्यापार मार्गों और समुद्री पौराणिक कथाओं को दर्शाया जाएगा.
- लोथल मिनी रिक्रिएशन: इसमें सिंधु घाटी सभ्यता के समय के लोथल शहर का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
- चार थीम पार्क: मेमोरियल पार्क, मैरीटाइम एंड नेवल थीम पार्क, क्लाइमेट चेंज थीम पार्क और एडवेंचर एंड एम्यूजमेंट पार्क।
- विश्व का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय: यहां एक अद्वितीय लाइटहाउस संग्रहालय बनाया जा रहा है।
- तटीय राज्य मंडप: भारत के विभिन्न तटीय राज्यों की समुद्री संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग गैलरी होंगी।
- ओपन एक्वाटिक गैलरी: पानी पर आधारित प्रदर्शनियाँ और वॉकवे। साथ हीं इको-रिसॉर्ट्स, म्यूज़ियोटेल (थीम पर आधारित होटल), समुद्री अनुसंधान संस्थान और बाग़ का निर्माण प्रस्तावित है।
- विकास: यह परियोजना ‘सागरमाला कार्यक्रम’ के तहत विकसित की जा रही है और इसके कई चरण हैं।
लोथल का ऐतिहासिक महत्व:
- लोथल, प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) का एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का प्रतीक है।
- लोथल में दुनिया का सबसे पुराना मानव निर्मित बंदरगाह (डॉकयार्ड) मिला है, जो लगभग 2400 ईसा पूर्व का है।
- यह प्राचीन काल में मेसोपोटामिया और मिस्र के साथ समुद्री व्यापार का प्रमुख केंद्र था। जी अपनी जल निकासी प्रणाली, मानकीकृत ईंटों और उन्नत नागरिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है।
