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केंद्र सरकार ने NHPC, SJVN, SECI और रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को ‘नवरत्न’ कंपनी का दर्जा दिया।

केंद्र सरकार ने NHPC, सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) और रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel) को ‘नवरत्न’ कंपनी (Navratna Company) का दर्जा दिया।

नवरत्नकंपनी ( Navratna Company) के बारे में:

नवरत्न कंपनियां भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उन उद्यमों को दिया गया एक विशेष दर्जा है, जो उत्कृष्ट वित्तीय प्रदर्शन, प्रबंधन दक्षता और रणनीतिक महत्व के आधार पर चयनित होते हैं। यह दर्जा कंपनियों को अधिक स्वायत्तता और वित्तीय शक्तियां प्रदान करता है, जिससे वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें और तेजी से विकास कर सकें।

नवरत्न कंपनियों (Navratna Company) की मुख्य विशेषताएं:

  • वित्तीय स्वायत्तता: ये कंपनियां अपने पूंजीगत व्यय पर 1,000 करोड़ रुपये तक के निवेश का निर्णय स्वयं ले सकती हैं, जिससे उन्हें परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करने में मदद मिलती है।
  • वैश्विक विस्तार: नवरत्न कंपनियां विदेशों में संयुक्त उद्यम और सहायक कंपनियां स्थापित कर सकती हैं, जिससे उन्हें वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • प्रबंधन स्वायत्तता: ये कंपनियां अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के माध्यम से अधिक स्वतंत्र रूप से काम कर सकती हैं, जिससे उन्हें तेजी से निर्णय लेने और बाजार के रुझानों के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील होने में मदद मिलती है।
  • रणनीतिक महत्व: नवरत्न कंपनियां अक्सर अपने संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

नवरत्न कंपनियों (Navratna Company) के लाभ:

  • तेज विकास: बढ़ी हुई वित्तीय और प्रबंधन स्वायत्तता के कारण, नवरत्न कंपनियां अक्सर तेजी से विकास और विस्तार का अनुभव करती हैं।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा: वैश्विक बाजार में विस्तार करने की क्षमता के साथ, नवरत्न कंपनियां वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं और अपने ब्रांड मूल्य को बढ़ा सकती हैं।
  • बेहतर दक्षता: स्वायत्तता और जवाबदेही में वृद्धि के कारण, नवरत्न कंपनियां अक्सर परिचालन दक्षता में सुधार दिखाती हैं।
  • नवाचार को बढ़ावा: नवरत्न कंपनियां अक्सर अनुसंधान और विकास में निवेश करती हैं, जिससे उन्हें अपने क्षेत्रों में नवाचार के अग्रणी बनने में मदद मिलती है 

नवरत्न कंपनियों की सूची (List of Navratna Company) (अगस्त 2024 तक):

  • भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
  • भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)
  • कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
  • गेल (इंडिया) लिमिटेड
  • हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL)
  • इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)
  • महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)
  • नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)
  • नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NBCC)
  • नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NMDC)
  • नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL)
  • ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)
  • पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (POWERGRID)
  • रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (REC)
  • शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SCI)
  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
  • NHPC लिमिटेड
  • सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN)
  • सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) और
  • रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel)

NHPC लिमिटेड के बारे में –

  • NHPC लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा जल विद्युत विकास संगठन है, जो जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा से लेकर उन्हें चालू करने तक की सभी गतिविधियों को संचालित करने की क्षमता रखता है। NHPC ने सौर और पवन ऊर्जा विकास जैसे क्षेत्रों में भी विविधता उत्पन्न की है।
  • NHPC लिमिटेड (पहले जिसे नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को 1975 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित किया गया था।
  • कंपनी को भारत और विदेशों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों से बिजली के एकीकृत और कुशल विकास की योजना बनाने, उसे बढ़ावा देने और व्यवस्थित करने का अधिकार मिला है।
  • NHPC 2009 में अपने आईपीओ की सफल समाप्ति के बाद NSE और BSE पर सूचीबद्ध कंपनी है।
  • 30 जून, 2024 तक NHPC के पास ₹15,000 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी, ₹10,045.03 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी और ₹79789.87 करोड़ रुपये का निवेश आधार है।

नवरत्न’ का दर्जा मिलने से लाभ:

  • इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी, कार्यकुशलता में सुधार होगा, और कर्मचारी सशक्त होंगे। यह प्रमुख पूंजीगत व्यय और निवेश योजनाओं का समर्थन करेगा, विकास को गति देगा, बाजार में पहुंच का विस्तार करेगा और दीर्घकालिक लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा।
  • NHPC को संयुक्त उद्यम और विदेशी कार्यालय स्थापित करने, नए बाजारों तक पहुंचने और स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए अधिक शक्तियां प्राप्त होंगी।
  • साथ ही, यह तकनीकी साझेदारियों को आगे बढ़ाकर और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करके नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।
  • यह विलय और अधिग्रहण की प्रक्रिया को सुगम बनाएगा, जिससे विकास और बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि होगी।

NHPC की वर्तमान स्तिथि:

  • NHPC की कुल स्थापित क्षमता 20 मेगावाट है, और कंपनी फिलहाल 10442.70 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाओं के निर्माण में जुटी है।
  • इनमें 2000 मेगावाट की सुबनसिरी लोअर परियोजना (असम/अरुणाचल प्रदेश) और 2880 मेगावाट की दिबांग बहुउद्देश्यीय परियोजना (अरुणाचल प्रदेश) शामिल हैं।
  • NHPC इस समय 50000 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली परियोजनाओं पर कार्य कर रही है, जो विभिन्न विकास चरणों में हैं।
  • NHPC 2032 तक 23000 मेगावाट और 2047 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) के बारे में:

  • SJVNL लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
  • सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) स्थापना 24 मई, 1988 को भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में की गई थी।
  • वर्तमान में SJVNL एक सूचीबद्ध कंपनी है, जिसमें शेयरहोल्डर पैटर्न के तहत भारत सरकार का 00%, हिमाचल प्रदेश सरकार का 26.85%, और जनता का 18.15% इक्विटी अंशदान शामिल है।
  • SJVNL की मौजूदा चुकता पूंजी ₹3929.80 करोड़ और अधिकृत शेयर पूंजी ₹7000 करोड़ है। 31 मार्च 2024 तक SJVNL की कुल पूंजी ₹14030.28 करोड़ थी।
  • कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में स्थित भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन जैसी एक प्रमुख परियोजना से शुरुआत करते हुए अब तक कुल 2467 मेगावाट की स्थापित क्षमता और 123 किमी ट्रांसमिशन लाइन सहित कुल चौदह परियोजनाओं की कमीशनिंग कर ली है।
  • वर्तमान में SJVNL भारत के विभिन्न राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, असम, ओडिशा, मिजोरम, और मध्य प्रदेश के अलावा पड़ोसी देश नेपाल में भी विद्युत परियोजनाओं का निष्पादन कर रहा है।
  • SJVNL का उद्देश्य 2030 तक 25,000 मेगावाट और 2040 तक 50,000 मेगावाट की कंपनी बनना है। वर्तमान में, SJVNL का कुल परियोजना पोर्टफोलियो 56,663 मेगावाट का है, जिसमें 2,377 मेगावाट परियोजनाएं परिचालन में हैं, 4,858 मेगावाट निर्माणाधीन हैं, 13,786 मेगावाट परियोजनाएं पूर्व-निर्माण और एस एंड आई चरण में हैं, और 35,642 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं आवंटन के अधीन हैं।

सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) के बारे में:

भारत में सौर ऊर्जा के विकास और प्रसार में SECI एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) की स्थापना 9 सितंबर, 2011 को की गई थी। यह भारत में सौर ऊर्जा के विकास और प्रसार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई गई एक गैर-लाभकारी कंपनी है।

मुख्य उद्देश्य:

  • सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विकास: SECI सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना और विकास के लिए निविदाएँ आमंत्रित करता है और परियोजना डेवलपर्स को सहायता प्रदान करता है।
  • सौर ऊर्जा की खरीद और बिक्री: SECI सौर ऊर्जा उत्पादकों से बिजली खरीदता है और इसे वितरण कंपनियों या अन्य खरीदारों को बेचता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना: SECI सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करता है और नई तकनीकों को अपनाने में मदद करता है।

SECI की भूमिका:

  • सौर ऊर्जा की लागत में कमी: प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से, SECI सौर ऊर्जा की लागत को कम करने में मदद करता है, जिससे यह अधिक किफायती और उपभोक्ताओं के लिए सुलभ हो जाता है।
  • निवेश को आकर्षित करना: SECI सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने में मदद करता है, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
  • भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करना: भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। SECI इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel) के बारे में:

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, जिसे संक्षेप में रेलटेल (RailTel) कहा जाता है, भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह मुख्य रूप से भारतीय रेल के विशाल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के रखरखाव और उपयोग के लिए जिम्मेदार है।

  • रेलटेल की स्थापना 26 सितंबर 2000 को की गई थी, जिसका उद्देश्य मौजूदा दूरसंचार अवसंरचना का आधुनिकीकरण करना, ट्रेन नियंत्रण, सेवा और सुरक्षा में सुधार करना था।
  • इसके साथ ही, रेलवे पटरियों के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाकर राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड और मल्टीमीडिया नेटवर्क स्थापित करके अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करना भी इसका लक्ष्य था।

रेलटेल की मुख्य सेवाएं और गतिविधियाँ:

  • ब्रॉडबैंड सेवाएं: रेलटेल “रेलवायर” ब्रांड के तहत ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करता है, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • लीज्ड लाइन सेवाएं: यह विभिन्न संगठनों को उच्च गति और विश्वसनीय डेटा कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
  • वीपीएन सेवाएं: रेलटेल सुरक्षित और निजी नेटवर्क कनेक्शन प्रदान करता है।
  • डेटा सेंटर सेवाएं: यह डेटा स्टोरेज और प्रबंधन के लिए डेटा सेंटर सुविधाएं प्रदान करता है।
  • आईटी सेवाएं: यह विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों को आईटी समाधान और सेवाएं प्रदान करता है।
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं: रेलटेल उच्च गुणवत्ता वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं प्रदान करता है।
  • सिग्नलिंग सेवाएं: यह रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम के लिए दूरसंचार बुनियादी ढांचा प्रदान करता है।

रेलटेल का महत्व:

  • डिजिटल इंडिया: रेलटेल डिजिटल इंडिया पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करके।
  • रेलवे संचालन: यह रेलवे संचालन के लिए महत्वपूर्ण संचार बुनियादी ढांचा प्रदान करता है।
  • आय सृजन: रेलटेल अपनी विभिन्न सेवाओं के माध्यम से भारतीय रेल के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करता है।
  • रोजगार सृजन: यह आईटी और दूरसंचार क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करता है।

रेलटेल की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • विस्तृत नेटवर्क: रेलटेल के पास भारत में सबसे बड़े ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क में से एक है, जो 61,000 किलोमीटर से अधिक तक फैला हुआ है।
  • ग्रामीण कनेक्टिविटी: इसने हजारों गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की है।
  • वित्तीय प्रदर्शन: रेलटेल ने लगातार अच्छा वित्तीय प्रदर्शन किया है और इसे मिनीरत्न का दर्जा प्राप्त है।

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