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मेंढक की नई सूक्ष्म प्रजाति पम्पकिन टोडलेट की खोज (New microscopic frog species pumpkin toadlet) | UPSC Preparation

New microscopic frog species pumpkin toadlet

New microscopic frog species pumpkin toadlet

संदर्भ: 

हाल ही में ब्राज़ील के सेरा डो क़्विरिरी पर्वतीय क्षेत्र के क्लाउड फ़ॉरेस्ट में वैज्ञानिकों ने मेंढक की एक नई सूक्ष्म प्रजाति की खोज की। यह खोज PLOS वन नामक वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन पर आधारित है। मेंढक की यह नई सूक्ष्म प्रजाति ब्रैकीसेफेलस (Brachycephalus) समूह से संबंधित है, जिसे सामान्य रूप से पम्पकिन टोडलेट कहा जाता है। 

नई प्रजाति का परिचय:

    • प्रजाति का वर्गीकरण: इस नई प्रजाति का वैज्ञानिक नाम ब्रैकीसेफेलस लुलाई (Brachycephalus lulai) रखा गया है। यह नाम ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के सम्मान में दिया गया। यह प्रजाति ब्रैकीसेफेलिडी कुल से संबंधित है, जिसमें अब तक लगभग 42 ज्ञात प्रजातियाँ शामिल हैं।

    • आकार और भौतिक विशेषताएँ: यह मेंढक मात्र 8.9 से 13.4 मिलीमीटर लंबा है, जो विश्व के सबसे छोटे चार-पैर वाले जीवों में से एक है। इसका रंग चमकीला नारंगी है तथा शरीर के किनारों और पेट पर हरे और भूरे धब्बे पाए जाते हैं। इसकी त्वचा ऊपर से चिकनी और किनारों से खुरदरी होती है।

  • विशिष्ट जैविक विशेषताएँ: यह प्रजाति स्वयं की प्रचारात्मक आवाज़ को सुनने में सक्षम नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मेंढक दृश्य संकेतों जैसे गले की थैली फुलाना, मुंह खोलना और हाथ हिलाने के माध्यम से संचार करता है।

  • प्रजनन और विकास: यह मेंढक प्रत्यक्ष विकास की प्रक्रिया अपनाता है। इसके अंडों से सीधे छोटे मेंढक निकलते हैं, इनमें टैडपोल अवस्था नहीं होती। यह विशेषता इसे पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है।

  • सीमित वितरण क्षेत्र: यह प्रजाति केवल दक्षिणी ब्राज़ील के सांता कैटरीना राज्य में स्थित सेरा डो क़्विरिरी के 750 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। यह अटलांटिक वन क्षेत्र का हिस्सा है, जो विश्व के सबसे अधिक संकटग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है।

संरक्षण:

  • खतरे: हालांकि इस प्रजाति को वर्तमान में IUCN Red List में “न्यूनतम चिंता” की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन वनों की कटाई, खनन गतिविधियाँ और पर्यटन दबाव इसके आवास को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं।

  • संरक्षण उपाय: वैज्ञानिकों ने सेरा डो क़्विरिरी वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना की सिफारिश की है। यह मॉडल निजी भूमि पर संरक्षण को बढ़ावा देता है, जिससे भूमि अधिग्रहण के बिना जैव विविधता की रक्षा संभव हो सके।

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