New Regulations for Jobs and Domicile in Ladakh
New Regulations for Jobs and Domicile in Ladakh
संदर्भ:
केंद्र सरकार ने लद्दाख की भूमि, रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण से संबंधित एक श्रृंखला of नियमों को अधिसूचित किया है। ये प्रावधान पिछले पाँच वर्षों से लद्दाख की नागरिक समाज द्वारा उठाई जा रही चिंताओं को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं, जिनका उद्देश्य क्षेत्र की पहचान, संसाधनों और स्थानीय हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
लद्दाख: संवैधानिक सुरक्षा की मांग की पृष्ठभूमि–
पृष्ठभूमि–
- 2019: अनुच्छेद 370 को संसद द्वारा निष्क्रिय किए जाने के बाद, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) का दर्जा मिला, लेकिन विधानसभा नहीं दी गई।
- संरचना: लद्दाख में दो ज़िले –
- लेह: बौद्ध बहुल
- कारगिल: मुस्लिम बहुल
विरोध और मांगें–
- 2020 में व्यापक प्रदर्शन हुए, जिनमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने लद्दाख के लिए संवैधानिक संरक्षण की मांग की।
मुख्य मांगें–
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा (Statehood)
- संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना
- इससे जनजातीय दर्जा और सांस्कृतिक स्वायत्तता मिलेगी
- स्थानीय लोगों के लिए रोजगार में आरक्षण
- लेह और कारगिल दोनों को अलग-अलग लोकसभा सीटें देना
लद्दाख के नए विनियम, 2025: क्षेत्रीय पहचान और सशक्तिकरण की दिशा में कदम
- लद्दाख सिविल सेवा विकेंद्रीकरण एवं भर्ती (संशोधन) विनियम, 2025-
- प्रथम बार डोमिसाइल अनिवार्यता लागू की गई है, केवल स्थानीय निवासियों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी।
- डोमिसाइल की परिभाषा:
- पिछले 15 वर्षों से लद्दाख में निवास करने वाला व्यक्ति
- 7 वर्षों तक अध्ययन किया हो और कक्षा 10 या 12 की परीक्षा लद्दाख से दी हो
- केंद्र सरकार के वे कर्मचारी, जिन्होंने लद्दाख में कम–से–कम 10 वर्ष सेवा दी हो, उनके बच्चे/पति या पत्नी
- उपर्युक्त सभी वर्गों के संतान और जीवनसाथी
- लद्दाख सिविल सेवा डोमिसाइल प्रमाण पत्र नियम, 2025-
- डोमिसाइल प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों को निर्धारित करता है।
- तहसीलदार प्रमाण-पत्र जारी करेगा; उपायुक्त (DC) अपील प्राधिकरण होंगे।
- लद्दाख आरक्षण (संशोधन) विनियम, 2025-
- SC, ST, OBC और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 85% तक तय की गई है।
- EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए अतिरिक्त 10% आरक्षण अलग से मान्य रहेगा।
- लद्दाख राजकीय भाषाएँ विनियम, 2025-
- अधिकारिक भाषाएँ घोषित की गईं: अंग्रेज़ी, हिंदी, उर्दू, भोटी, पुर्गी
- संस्थानिक समर्थन के साथ इन भाषाओं के संरक्षण और प्रचार हेतु कदम:
- शिना, ब्रोक्सकट, बाल्टी और लद्दाखी जैसी भाषाओं के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (संशोधन) विनियम, 2025-
- LAHDC अधिनियम, 1997 में संशोधन के तहत:
- लेह और कारगिल की LAHDC परिषदों में महिलाओं के लिए एक–तिहाई सीटें आरक्षित होंगी।
- यह रोटेशन के आधार पर लागू होगा।
नई नियमावली की सीमाएँ:
- संवैधानिक संरक्षण का अभाव
- भूमि सुरक्षा का अभाव
- विधायी स्वायत्तता नहीं
- सांस्कृतिक संरक्षण केवल प्रतीकात्मक